होशियारपुर/कोटा (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब पुलिस का एक के बाद एक कारनामा सामने आने से जहां पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं वहीं विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा लोगों को सुरक्षित माहौल देने के दावों पर भी पानी फिरता नजऱ आ रहा है। जिसके चलते पंजाब पुलिस की इन दिनों खासी फजीहत हो रही है। हाल ही में दिल्ली में गई पंजाब पुलिस के साथ जो हुआ वह मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि होशियारपुर पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसने एक बार फिर से खाखी को शर्मसार कर दिया है।
ज्ञात रहे कि इसी साल 9 मार्च 2022 दिन बुधवार को तत्कालीन एसएसपी ध्रुमन एच. निम्बाले द्वारा पुलिस लाइन होशियारपुर में पत्रकारवार्ता करके 10 किलो अफीम सहित एक युवक को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल किए जाने संबंधी अपने अधिकारियों की पीठ थपथपाई गई थी। युवक की पहचान हरनूर सिंह पुत्र निर्मल सिंह निवासी सावलपुरा, थाना तलेरा, जिला बूंदी, राजस्थान के रुप में हुई थी। पुलिस इसे जहां बड़ी सफलता मान रही थी वहीं इसमें शामिल अधिकारी वर्ग भी फूले नहीं समा रहा था। न्यूज़ चैनलों और समाचारपत्रों में सुर्खियां बटौरने वाले ये अधिकारी शायद भूल गए थे कि इनके ऊपर भी कोई बैठा है जो इनकी हर हरकत पर नजऱ रखने के साथ-साथ इन्हें भी सलाखों के पीछे पहुंचाने का दम रखता है। ताजा जानकारी अनुसार राजस्थान पुलिस ने इस मामले में हरनूर के पारिवारिक सदस्यों की शिकायत पर जब सारे घटनाक्रम संबंधी जांच की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जो तथ्य सामने आए वे हैरानीजनक ही नहीं बल्कि पंजाब पुलिस में बैठी काली भेड़ों को भी नंगा करने के लिए काफी थे। राजस्थान पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर होशियारपुर पुलिस के एक डीएसपी और इंस्पैक्टर लखबीर सिंह सहित कुल 15 लोगों (अधिकतर पुलिस मुलाजिम) पर मामला दर्ज किया है।
जानकारी अनुसार 21 वर्षिय हरनूर के पिता निर्मल सिंह निवासी सांवलपुरा, थाना तालेडा, जिला बूंदी, राजस्थान ने पुलिस को 7 मार्च 2022 को शिकायत दी थी कि उसका बेटा सायं 6 बजे घर से किसी शादी समारोह में भाग लेने के लिए गया था, लेकिन वापिस नहीं आया। इस पर पुलिस ने उसके लापता की रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरु कर दी थी। लेकिन पुलिस द्वारा मामले को गहनता से न लेने पर हरनूर के पिता ने माननीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था और साक्ष्य पेश किए थे। जिस पर माननीय अदालत के आदेशों पर पुलिस ने कार्यवाही की है।
शिकायतकर्ता ने बताया था कि 8 मार्च को उसके मोबाइल नंबर पर किसी अज्ञात नंबर से फोन आया। उस दौरान उसके बेटे हरनूर ने उसे कहा कि उसे होशियारपुर पुलिस और कुछ लोग होटल क्लाक्स प्रीमियर कुंहाड़ी कोटा से अपहरण करके ले गए हैं तथा फिरौती का मांग कर रहे थे, इतने में ही कॉल कट गया। पुन: उस नंबर पर फोन किए जाने पर फोन हीं लगा। इसके बाद होटल में लगे सीसीटीवी की फुटेज से यह बात सामने आई कि हरनूर की वरना कार होटल के बाहर खड़ी थी और उसके पास कुछ संदिग्ध लोग नजऱ आए। उसकी मोबाइलि लोकेशन ट्रेस करने पर वह रोहतक, हरियाणा की आई। 8 व 9 की रात उसकी लोकेशन भारत पैट्रोल पंप कुरुक्षेत्र की आई तथा 9 मार्च को सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर लोकेशन होशियारपुर की नजऱ आई तथा पता चला कि वह होशियारपुर पंजाब में है। इसके बाद शिकायतकर्ता ने पुलिस अधिक्षक बूंदी को लिखित प्रार्थना पत्र दिया और इस मामले की पूरी जांच की मांग की। इस पर तालेड़ा पुलिस कार्यवाही के लिए पंजाब रवाना हुई। तालेड़ा से ही बूंदी जाते समय रामगंज बालाजी पर श्रीजी होटल पर मनवीर सिंह और प्रदीप महेश्वरी मिले और उन्होंने उनके सामने एसएसपी पठानकोट को सूटना देकर ब्हाट्सएप पर होटल की सीसीटीवी फुटेज भेजे। उन्हें सूचना देने के कुछ देर बाद उनके मोबाइल पर फोन आया तथा काल करने वाले ने अपना नाम लखबीर सिंह बताया और कहा कि हरनूर के खिलाफ सुबह 7 बजे एफआईआर नंबर 32/2022 एनडीपीएस एक्ट के तहत होशियारपुर में हुई है और उसे गिरफ्तार किया गया है। इस पर उन्होंने लखबीर सिंह को बताया कि कुछ मोना सिर वाले व्यक्ति हरनूर को कोटा से अपहरण करके ले गए और फिरौती की मांग की।
फिरौती न दोने पर उन्होंने उसके खिलाफ झूठा केस दर्ज करवाया है। हरनूर की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर तालेड़ा पुलिस रास्ते से लौट गई। हरनूर के पिता ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई करने वाला बच्चा है और वह ऐसा अपराध नहीं कर सकता। इसके बाद उन्होंने पारिवारिक सदस्यों के साथ मिलकर मामले से जुड़े साक्ष्य जुटाने शुरु किए। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि हरनूर का होटल के पास से अपहरण हुआ और वे उसकी वरना कार भी साथ ले गए। एक इनोवा कार (एचआर 26, सीजेड़-3014) वारदात में काम में ली गई, जो पंजाब से आई थी। इस इनोवा कार की लोकेशन होटल क्लाक्स कुंहाड़ी कोटा के सीसीटीवी के कैमरे में 7 मार्च को देखी गई। इस घटना में एक सफेद रंग की बोलेरो गाड़ी (पीबी-07, एएस-7652) भी इस्तेमाल हुई, जो पंजाब की है। इस गाड़ी में पंजाब पुलिस का वर्दीधारी सिख मुलाजिम था। श्री अगमगढ़ गुरुद्वारा कोटा से पता चला कि उक्त बोलेरो व इनोवा कार को गुरुद्वारे से निकाला पाया गया। गुरुद्वारा के दो कमरे गुरुलाभी सिंह व लाल सिंह की आईडी (आधार नंबर 841047935834 व 467301941511) पर लिए गए थे तथा दोनों गाडिय़ां वहां से गईं। 19 घंटे 25 मिनट की वारदात की साजिश सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई। 7 मार्च को उक्त होटल में रुम बुक हुआ। इनोवा में 3-4 अज्ञात लोग थे। इससे पहले गुरुद्वारे में कमरा लिया था, जिसमें वर्दीधारी पंजाब पुलिस का आदमी था। 7 मार्च को सायं 6 बजकर 16 मिनट से रात्रि 9 बजकर 59 मिनट की सीसीटीवी फुटेज प्रमाणित करती है कि पंजाब से आए लोगों ने उनके बेटे हरनूर और उसकी कार का अपहरण कर लिया। पंजाब से आए 7-8 लोगों में से दो लोगों के नाम गुरुलाभी सिंह व महेश शंकर हैं, सामने आए तथा बाकी अज्ञात थे।
अपहरण के बाद एक अज्ञात अपहरणकर्ता उनके बेटे की गाड़ी चला रहा था। जबकि वर्दीधारी अज्ञात पंजाब पुलिस मुलाजिम व अन्य लोग पंजाब से आई बोलेरो व इनोवा गाड़ी में उनके बेटे को लेकर चले गए। तालेड़ा के समीप रघुनाथपुरा गांव के नैशनल हाई-वे पर स्थित राधिका होटल में भी अपहरणकर्ताओं को हरनूर के साथ देखा गया। इसके उपरांत अन्य स्थानों से प्राप्त सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि होशियारपुर पुलिस ने अज्ञात लोगों के साथ मिलकर उनके बेटे का अपहण किया और फिरौती न देने पर उसे झूठे केस में फंसा दिया। इतना ही नहीं बडग़ांव से होशियारपुर पहुंचने दौरान सभी टोल नाको पर पुलिस मुलाजिम का विवरण देते हुए गुजरा। सीसीटीवी से प्राप्त सभी जानकारियां हरनूर के पिता ने पैनड्राइव में डालकर पुलिस को दी तथा बताया कि चोल प्लाजाओं से रिकार्ड नहीं मिल पाया। इस पर तालेड़ा पुलिस कार्यवाही करते हुए 9 अप्रैल को पंजाब गई तथा 13 अप्रैल को लौटकर आई। पुलिस के साथ हरविंदर सिंह भी पंजाब गया था। जांच में हरनूर सिंह को पंजाब पुलिस द्वारा कोटा से उठाकर ले जाना प्रमाणित हुआ है। लेकिन घटना स्थल कुंहाड़ी थाना क्षेत्र होने के कारण तालेड़ा पुलिस द्वारा अग्रिम कार्यवाही नहीं की गई।
हरनूर के पिता ने पुलिस से मांग की कि उनके बेटे हरनूर का अपहरण करने वाले पंजाब पुलिस के मुलाजिमों एवं अज्ञातों पर कार्यवाही की जाएं, क्योंकि पंजाब पुलिस ने लोकसेवा शक्तियों का दुरुपयोग करके उनके बेटे को फंसाया है। इस पर अदालत के आदेशों पर पुलिस ने कार्यवाही करते हुए पंजाब पुलिस के एक डीएसपी, इंस्पैक्टर लखबीर सिंह के अलावा लाल सिंह, गुरनाम सिंह, महेश शंकर, आरती, बूटा सिंह, सुखदेव सिंह, सुमित कुमार, गुरप्रीत, त्रिलोक सिंह, रमन कुमार, जसप्रीत सिंह व अज्ञात के खिलाफ धारा 365/343/394/120बी/115/167/59 आईपीसी के तहत मामला दर्ज करके आगे की कार्यवाही शुरु कर दी है। राजस्थान पुलिस ने यह मामला 6 मई 2022 को पंजाब पुलिस मुलाजिमों व अन्यों के खिलाफ दर्ज किया।