होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। जि़ला संघर्ष कमेटी की मीटिंग जि़ला अध्यक्ष कर्मवीर बाली की अध्यक्षता में हुई जिसमें पानी के गिरते स्तर पर चिन्ता व्यक्त की गई। कर्मवीर बाली ने कहा कि पंडित जवाहर लाल और पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री जनरल आयूब खां में जो वर्ल्ड बैंक के सामने फैसला हुआ कि सतलुज, यमुना, रावी का पानी भारत के हिस्से आया और जेहलम का पानी पाकिस्तान इस्तेमाल करेगा पर पाकिस्तान में दरियाओं का पानी इस्तेमाल करने और वहां नहरे बनाने के लिए 125 हज़ार किलो सोने के बराबर जो मौजूदा समय में 70 हज़ार करोड़ बनते हैं वो भारत पाकिस्तान को देगा लेकिन 1965, 1971 और कारगिल जैसे जो युद्ध पाकिस्तान ने भारत पर थौपे थे फिर भी भारत ने समझौता रद्द नही किया।
अगर पाकिस्तान जाने वाले पानी की सुरक्षा पर खर्च करने में 20 प्रतिशत कटौती की जाये और व्यर्थ जा रहे पानी को इस्तेमाल किया जाये जो पाकिस्तान जा रहा है तो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में पानी के गिरते स्तर को बचाया जा सकता है। दुर्भाग्य भारत का यह रहा कि इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा और पंजाब जैसी उपजाऊ भूमि बंजर बन रही है। अगर समय रहते इस ओर ध्यान नही दिया गया तो वो दिन दूर नहीं जब आने वाली पीढि़यों के लिए मुसीबत खड़ी हो जायेगी। दिन-ब-दिन पानी के गिरते स्तर के कारण मानव जीवन के लिए खतरा बन जायेगा। भारत सरकार पाकिस्तान जाने वाले पानी को इस्तेमाल में लाये। इस अवसर पर नवल किशोर कालिया, मास्टर नरिन्दर, गुड्डू सिंह, अमरजीत सिंह हाजि़र थे।