नवभारत निर्माण में मीडिया संस्कारों और संस्कृति को रखे आगे: इरविन खन्ना

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-राकेश शांतिदूत ने देवर्षि नारद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय संबंधी दी जानकारी-
रिपोर्ट: संदीप डोगरा।
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विश्व संवाद केन्द्र पंजाब की होशियारपुर ईकाई की तरफ से देवर्षि नादर जयंती के उपलक्ष्य में ‘आधुनिक भारत में मीडिया की भूमिका’ विषय पर गोष्ठी आयोजित की गई। माडल टाउन क्लब में आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता प्रैस क्लब के महासचिव नरेन्द्र शर्मा ने की। इस अवसर पर दैनिक उत्त्म हिन्दू के संपादक इरविन खन्ना जी मुख्य वक्ता के तौर पर जबकि मैट्रो एनकाउंटर के संपादक राकेश शांतिदूत जी विशेष तौर से उपस्थित हुए। इस अवसर पर साहित्यकारों, लेखकों, गीतकारों, कार्टूनिस्टों, फोटोग्राफरों तथा सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से संबंधित गणमान्यों ने भाग लिया।
इस मौके पर राकेश शांतिदूत ने पत्रकारिता के प्रारंभ में देवर्षि नारद की भूमिका और उनके द्वारा निस्वार्थ भाव से जनकल्याण में दिए गए योगदान पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही उन्होंने पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जीवन तथा पत्रकारिता के माध्यम से देश को एकजुट करने और देश के नवनिर्माण में उनके द्वारा डाले गए योगदान संबंधी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता वह आईना है जिसके माध्यम से हम सच को उजागत करते हैं और सामाजिक बुराईयों को दूर करने के 

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साथ-साथ देश व समाज के नवर्माण में अपना अहम योगदान डाल सकते हैं।

इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता इरविन खन्ना ने मुगल काल से लेकर अंग्रेजों की गुलामी और आजादी में मीडिया एवं पत्रकार जगत द्वारा निभाई गई भूमिका पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि जिस पत्रकारिता की देश की आजादी के बाद जरुरत थी आज पत्रकारिता से जुड़े वो मूल्य कहीं गुम होते जा रहे हैं, क्योंकि इस कई लोगों ने कमाई का जरिया बना लिया है। जबकि मीडिया कमाई का कम देश व समाज की भलाई एवं उसे एक नई दिशा देने का काम करता है। इसलिए पत्रकारिता को पेशा न बनाकर मानवीय मूल्यों की आधारशिला बनाया जाए ताकि नवभारत के निर्माण में हम अपना योगदान डाल सकें। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद आज एक बार फिर से हमें नवभारत के निर्माण की तरफ बढऩा पड़ रहा है, यह गहन चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस निर्माण में मीडिया जिसे लोकतंत्र का

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चौथा स्तम्भ भी कहा जाता है की भूमिका बड़ी अहम है। इसलिए हमें अपने संस्कारों और संस्कृति का अनुसरन करते हुए इस पथ पर आगे बढऩा होगा। श्री खन्ना ने बताया कि आज भी हम विदेशों की हाथों की कठपुतली बने हुए हैं, क्योंकि आज सोशल मीडिया के माध्यम से जो भारतीय संस्कृति और धर्म को लेकर दुष्प्रचार हो रहा है उसका कंट्रोल विदेशों के हाथों में है। मगर, हम भारतीयों को एक बात भलीभांति समझ लेनी चाहिए कि सोशल मीडिया किसी के प्रति जवाबदेह नहीं है, जबकि हम सभी जवाबदेह हैं, हमारी कही हुई बात लोगों के दिलों-दिमाग पर असर करती है। इसलिए हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि हम अपने फर्ज के प्रति पूरी तरह से सुदृढ़ रहते हुए कार्य करें और सच को दिखाने से कभी पीछे न हटें। ऐसे सिद्धांतों पर चलते हुए ही हम नए भारत के निर्माण का सपना सच कर सकते हैं। इस दौरान संचार भारती की तरफ से अशोक शर्मा ने सभी अतिथियों को सम्मानित किया।

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