डीबीआईआईपीज़ के द्वारा इनवैस्ट पंजाब मॉडल का किया जा रहा विस्तार

चण्डीगढ़, (द स्टैलर न्यूज़)। कारोबार करने में आसानी के क्षेत्र में पंजाब अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल के तौर पर उभरा है। राज्य ने औद्योगिक प्रोजेक्टों के लिए समयबद्ध मंजूरियों की एक मिसाल कायम की है और नवाचार एवं प्रौद्यौगिकी पर आधारित उद्यम के उद्योग समर्थक माहौल की पेशकश की है। इतना ही नहीं, आला दर्जे का बुनियादी ढांचा और बेहतरीन संपर्क राज्य की क्षमता में आगे और विस्तार करता है। इनवैस्ट पंजाब की मदद से पंजाब में अपना कारोबार शुरू करना बहुत आसान है जोकि सभी मनजूरियों और स्वीकृतियों के लिए एक वन-स्टॉप केंद्र है। इनवैस्ट पंजाब के सीईओ कमल किशोर यादव (आई.ए.एस.) ने उद्योगों और निवेशकों को राज्य में निवेश के लिए न्योता देते हुए बताया कि राज्य सरकार कारोबारों की मज़बूती और सरकारी पारदर्शिता को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रही है।

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यह कहते हुए कि विश्वास वह आधार है जिस पर सार्वजनिक संस्थाओं की वैधता टिकी होती है और सार्वजनिक नीति की सफलता निर्भर करती है, उन्होंने कहा कि पंजाब उद्योगों और सार्वजनिक संस्थाओं के दरमियान सहयोग बढ़ाने के लिए निरंतर काम कर रहा है, जिसका नतीजा हमारे सुधारों से स्पष्ट झलकता है। हम उद्योगों को मंजूरियाँ और प्रोत्साहन देने के लिए पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी प्रणाली की पेशकश करते हैं। इनवैस्ट पंजाब (पंजाब ब्यूरो ऑफ इनवेस्टमैंट प्रमोशन) ‘‘यूनीफाईड रैगूलेटर’’ के अपने मॉडल के साथ अपनी किस्म की एक ऐसी प्रणाली है। ब्यूरो के अधीन राज्य के विभिन्न विभागों के 23 अधिकारी काम करते हैं। इस अनूठे मॉडल को भारत सरकार द्वारा सभी 8 पैमानों पर 100 फीसदी के स्कोर के साथ 20 स्टेट इनवेस्टमैंट परमोशन एजेंसियों में से एक ‘‘टॉप परफॉर्मर’’ के तौर पर मान्यता दी गई है।

इनवैस्ट पंजाब के मॉडल का जि़ला स्तर पर भी विस्तार किया जा रहा है, जहाँ डिस्ट्रिक्ट ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड इनवेस्टमैंट प्रमोशन (डी.बी.आई.आई.पी.) की स्थापना की जा रही है। राज्य ने पंजाब राइट टू बिजऩस एक्ट 2020 भी लागू किया है। एक्ट के अंतर्गत कोई भी एम.एस.एम.ई. स्व-प्रमाणन के आधार पर राज्य में कारोबार स्थापित कर सकता है जो साढ़े तीन सालों की अवधि के लिए वैध है। सीईओ ने कहा कि डीम्ड मंजूरियों की व्यवस्था पीबीआईपी (संशोधन) एक्ट 2021 के अंतर्गत लागू की गई है, जिसमें उद्योग यूनिट द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर निर्धारित समय की अवधि की समाप्ति पर ऑनलाइन स्वचालित मंजूरियाँ जारी की जाएंगी। डीम्ड मंजूरियों के लिए प्रोटोकोल के अलावा स्व-प्रमाणन के आधार पर मंजूरियों के ‘ऑटो रीन्यूअल’ की एक प्रणाली भी पेश की गई है।

हाल ही के समय में व्यापारिक उत्पादन शुरू करने वाले कुछ प्रमुख प्रोजेक्टों में पैप्सीको (संगरूर), लुधियाना में कोका कोला (लुधियाना बिवरेजिस), पैप्सीको (पठानकोट) के लिए कॉन्ट्रैक्ट निर्माता वरुण बिवरेजिस, आईओएल कैमीकल्ज़ (बरनाला), कारगिल (बठिंडा), वर्धमान स्पैशिलिटी स्टील (लुधियाना), राल्सन (लुधियाना), आरती इंटरनेशनल (लुधियाना), सैंचुरी प्लाईवुड (होशियारपुर), हैप्पी फोरजिंगज़ (लुधियाना), हीरो ई-साईकल्ज़ (लुधियाना), प्रीत ट्रैकटजऱ् (पटियाला), हारटैक्स रबर (लुधियाना), गंगा ऐक्रोवूलज़ (लुधियाना), हिंदुस्तान यूनीलीवर (पटियाला) शामिल हैं। स्वराज महेन्द्रा, हैला लाईटिंग, एयर लिक्विड, ऐमिटी यूनिवर्सिटी, थिंक गैस, वर्बीयो, एचएमईएल और अन्य बहुत सी इकाईयाँ निर्माण और मशीनरी स्थापना के अलग-अलग पड़ावों के अधीन हैं। सीईओ ने आगे कहा कि राज्य ने हाल ही में आदित्या बिरला (ग्रासिम) और जेके पेपजऱ् जैसे प्रमुख ब्रांडों से भी बड़े निवेश प्राप्त किए हैं।

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