नेत्रदान मुहिम से जुडक़र खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं: जिलाधीश संदीप हंस

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): होशियारपुर की धरती संतों-महापुरुषों की धरती है और यहां पर धार्मिक अनुष्ठान के साथ-साथ सामाजिक कार्यों के माध्यम से धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाएं मानव सेवी कार्यों को स्थापित कर रही हैं। इसी कड़ी के तहत होशियारपुर से चली नेत्रदान मुहिम ने देश भर में शहर को एक अलग पहचान दिलाई है तथा उन्हें खुशी है कि उन्हें भी इस मुहिम का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह विचार जिलाधीश संदीप हंस ने रोटरी आी बैंक के माध्यम प्रणपत्र भरने दौरान व्यक्त किए। इस मौके पर रोटरी आई बैंक एवं कार्निया ट्रांसप्लांट सोसायटी के पदाधिकारियों ने प्रधान व प्रमुख समाज सेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में जिलाधीश को प्रमाणपत्र भेंट किया। इस मौके पर जिलाधीश ने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से नेत्रदान मुहिम को आगे बढ़ाने में पूर्ण सहयोग दिया जाएगा ताकि अंधेपन का शिकार लोगों को रोशनी प्रदान की जा सके तथा इस क्षेत्र में होशियारपुर देश का अग्रणीय जिला बनकर उभरे।

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उन्होंने रोटरी आई बैंक के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा किए जा रहे इस प्रयास को सराहा। इस अवसर पर संजीव अरोड़ा ने सोसायटी की तरफ से जिलाधीश का धन्यवाद करते हुए बताया कि एम्स दिल्ली से जिन बच्चों की सूची प्राप्त हुई थी उनमें से करीब 10 बच्चों के आप्रेशन करवाकर उन्हें रोशनी प्रदान की जा चुकी है तथा और बच्चों के आप्रेशन करवाए जाने संबंधी कार्यवाही जारी है। उन्होंने बताया कि सोसायटी द्वारा प्रदेश के सिविल सर्जनों से कार्निया ब्लाइंडनैस से पीडि़त मरीजों की सूची का मांग की गई है ताकि उनके भी आप्रेशन करवाए जा सकें। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान एवं दिल्ली आदि के साथ-साथ उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों में भी कार्निया ब्लाइंडनैस को दूर करने हेतु सोसायटी की तरफ से विशेष अभियान का आगाज़ किया गया है ताकि इसके प्रति जागरुक होकर अधिक से अधिक लोग नेत्रदान प्रणपत्र भरने के लिए आगे आएं।

उन्होंने बताया कि सारा डाटा जुटाकर सोसायटी द्वारा प्रशासन, सरकार एवं दानी सज्जनों के सहयोग से मरीजों को नई रोशनी प्रदान करने हेतु प्रयासरत है। इस मौके पर सोसायटी के चेयरमैन जेबी बहल ने जिलाधीश को नेत्रदान लेने की प्रक्रिया संबंधी पुन: जानकारी देते हुए बताया कि दान ली गई आंख 72 घंटे के भीतर कार्निया ब्लाइंडनैस पीडि़त को डालनी होती है व दो दिन बाद मरीज की आंख से पट्टी खोल दी जाती है और वे संसार को देखने लायक हो जाता है। उन्होंने बताया कि सोसायटी की तरफ से देश भर में अलग-अलग आई बैंकों के साथ संपर्क साधा गया है ताकि आंख की उपलब्धता होने पर मरीज का इलाज संभव हो सके। उन्होंने बताया कि आप्रेशन द्वारा प्रयोग होने वाले टिशू को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने का हवाई खर्च भारत सरकार द्वारा माफ किया गया है, जोकि इस मुहिम से जुड़ी संस्थाओं के लिए बहुत बड़ी राहत है। इस अवसर पर मदन लाल, सुरिंदर दिवान, अमित नागपाल, जगदीश अग्रवाल आदि मौजूद थे।

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