होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रक्षा बंधन का पवित्र पर्व भद्रारहित अपराह्वकाल व्यापिनी पूर्णिमा में करने का शास्त्र विधान है उक्त बात श्री बांके बिहारी ज्योतिष कर्मकांड ऊना रोड होशियारपुर ने करते हुए कहा कि यदि पहले दिन व्याप्त पूर्णिमा के अपराह्वकाल में भद्रा हो तथा दूसरे दिन उदयकालिक पूर्णिमा तिथि त्रिमहुत-व्यापिनी हो तो उसी उदयकालिक पूर्णिमा दूसरे दिन के अपराह्वकाल में रक्षाबंधन करना चाहिए।चाहे वह अपराह्वकाल से पूर्व ही क्यों ना समाप्त हो जाऐ क्योंकि उस समय साकाल्यापादित पूर्णिमा का अस्तित्व होगा, परंतु यदि आगामी दिन पूर्णिमा त्रिमहुर्त-व्यापिनी न हो तो पहले दिन भद्रा समाप्त होने पर प्रदोषकाल में ही रक्षा बंधन करने का विधान है।
इस वर्ष 11 अगस्त 2022 को अपरö व्यापिनी पूर्णिमा में भद्रा दोष व्याप्त है और अगामी दिन 12 अगस्त शुक्रवार को पूर्णिमा त्रिमहुर्त व्यापिनी नहीं है। पूर्णिमा केवल 12 अगस्त सुबह 7.6 मिनट तक रहेंगी। 11 अगस्त गुरुवार को प्रदोष काल में रक्षा बंधन का शुभ महुर्त रात 8.53 मिनट से लेकर 9.50 मिनट तक है और चंद्र मकर राशि में होने से भद्रा पाताल लोक में होगी, लेकिन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर आदि प्रदेशों में प्राचीन काल से ही उदय व्यापिनी पूर्णिमा के दिन प्रात: काल को ही रक्षा बंधन का पर्व मनाने का प्रचलन हैं इसलिए 12 अगस्त सुबह 7.6 मिनट से पहले रक्षाबंधन का शुभ महुर्त है।