जूनियर और सीनियर राष्ट्रीय पदक विजेता पंजाबी खिलाडिय़ों के लिए ‘ओलम्पियन बलबीर सिंह सीनियर वज़ीफ़ा स्कीम’ शुरू

चंडीगढ़,(द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पंजाब को खेल में फिर से देश का अग्रणी राज्य बनाने की वचनबद्धता के अंतर्गत खेल विभाग द्वारा खिलाडिय़ों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए तैयार करने के लिए निचले स्तर पर खिलाडिय़ों की हौसला अफज़ायी के लिए ‘ओलम्पियन बलबीर सिंह सीनियर वज़ीफ़ा स्कीम’ की शुरुआत करने का फ़ैसला किया गया है।  यह ऐलान पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया।

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मीत हेयर ने बताया कि भारतीय हॉकी के महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर के नाम पर प्रसिद्ध खिलाडिय़ों के लिए यह नवीन स्कीम शुरू करने वाला पंजाब देश का पहला राज्य है, जिसके अंतर्गत हर साल सीनियर नेशनल में पदक जीतने वाले पंजाब के खिलाडिय़ों को एक साल के लिए 8000 रुपए प्रति माह और जूनियर नेशनल में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को एक साल के लिए 6000 रुपए प्रति माह वज़ीफ़े दिए जाएंगे। खिलाड़ी ने स्वर्ण, रजत और काँस्य का कोई भी पदक जीता हो, उसे यह राशि एक साल के लिए प्रति माह मिलेगी। इस स्कीम के लिए खेल विभाग द्वारा सालाना 12.50 करोड़ रुपए बजट रखा गया है।  

मीत हेयर ने आगे बताया कि खिलाडिय़ों के लिए स्वास्थ्य बीमा भी शुरू किया जा रहा है। खिलाडिय़ों को खेल सामान मुहैया करवाने के अलावा नये प्रशिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। डे स्कॉलर खिलाडिय़ों की डाइट 100 रुपए से बढ़ाकर 125 रुपए और होस्टल वाले खिलाडिय़ों के लिए डाइट 200 से बढ़ाकर 225 रुपए कर दी गई है। खेल माहिरों की राय के साथ नयी खेल नीति लाई जा रही है, जिसका मनोरथ खिलाडिय़ों की प्रतिभा पहचान कर उनको मुकाबलों के लिए तैयार करना है। खिलाडिय़ों के लिए डाइट, कोचिंग, खेल सामान, नौकरियाँ और नकद पुरस्कार से सम्मानित करना नीति का अहम अंग होगा होगा। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि 2024 में पैरिस ओलम्पिक खेल और 2028 में लॉस एंजल्स ओलम्पिक खेल के लिए पंजाब के खिलाड़ी अधिक से अधिक हिस्सा लेकर उपलब्धियां हासिल करें।  

 खेल मंत्री ने बताया कि पंजाब की खेल में समृद्ध पृष्ठभूमि है और राज्य ने देश को नामी खिलाड़ी दिए हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पंजाब के खिलाडिय़ों ने बड़ी संख्या में देश का प्रतिनिधित्व करते हुए बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं, परन्तु समय की सरकारों द्वारा खेल और खिलाडिय़ों को अनदेखा करने के कारण पंजाब धीरे- धीरे पिछड़ता गया। 2001 तक राष्ट्रीय खेल में पंजाब पहले नंबर पर था। उसके बाद लगातार नीचे जाता रहा। पंजाब को फिर से खेल नक्शे पर लाने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।  

मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अंतर्गत राज्य में खेल समर्थकीय माहौल सृजन करने के लिए ‘खेडां वतन पंजाब दियां’ बनाई गईं, जोकि शानदार तरीके से चल रही हैं। सवा दो लाख से अधिक खिलाड़ी इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल-2022 में नाम चमकाने वाले पंजाब के 23 खिलाडिय़ों को खेलों के महीने में ही 9.30 करोड़ रुपए की राशि से सम्मानित किया गया। पहली बार हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों को 5-5 लाख रुपए से सम्मानित किया। इस महीने गुजरात में होने जा रही राष्ट्रीय खेल के लिए पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन को पंजाब के खेल दल के लिए 50 लाख रुपए की राशि दी। शूटिंग रेंजों के लिए 6 करोड़ रुपए मंज़ूर किये गए।   इस मौके पर खेल विभाग के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी और डायरैक्टर राजेश धीमान भी उपस्थित थे।

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