आस्ट्रेलियाई कंपनी ने मुख्यमंत्री के साथ की मीटिंग

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य में ठोस अवशेष के प्रभावशाली प्रबंधन को यकीनी बनाने सम्बन्धी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से किये जा रहे अथक यत्नों स्वरूप आस्ट्रेलियाई कंपनी मैसर्ज़ कंटीन्यूम एनर्जी ने म्युंसपल ठोस अवशेष की वैज्ञानिक प्रक्रिया के लिए प्लांट स्थापित करने में गहरी रूचि दिखाई है।इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकाय विभाग को आस्ट्रेलियाई कंपनी के साथ रणनीतक समझौते के द्वारा म्युंसपल ठोस अवशेष को उच्च कैलोरीफिक इकौ- फ्यूल में तबदील करने की संभावना का पता लगाने के लिए कहा। यह फ़ैसला मुख्यमंत्री ने आज यहाँ पंजाब सिवल सचिवालय स्थित अपने दफ़्तर में आस्ट्रेलियाई कंपनी के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये लिया। 

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विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुये मुख्यमंत्री ने म्युंसपल ठोस अवशेष के साथ वैज्ञानिक ढंग से निपटने के लिए ठोस यत्न करने के लिए कहा। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग को एक आस्ट्रेलियाई कंपनी के साथ म्युंसपल ठोस अवशेष को इकौ-फ्यूल में तबदील करने सम्बन्धी प्रोजैक्ट के विवरणों का अध्ययन करने के निर्देश दिए। भगवंत मान ने आशा अभिव्यक्ति कि यह प्रोजैक्ट राज्य के शहरी क्षेत्रों में ठोस अवशेष की गंभीर समस्या को हल करने के लिए एक उत्प्रेरक के तौर पर काम कर सकता है। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर इकौ फ्यूल से पैदा होने वाले पदार्थों की जांच करने के लिए भी कहा जिससे इस प्रौद्यौगिकी के भारतीय स्थितियों अनुसार टिकाऊपन और रेगुलेटरी नियमों की पालना का पता लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरों को साफ़-सुथरा, हरा-भरा और प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ठोस अवशेष प्रबंधन समय की ज़रूरत है। भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि इकौ-फ्यूल का प्रयोग पावर स्टेशनों और भट्टों में कोयले, भारी ईंधन, डीज़ल, गैस और अन्य उच्च कार्बन/ महंगे ईंधन स्रोतों की पूर्ति के लिए किया जा सकता है और इससे लोगों को काफ़ी लाभ हो सकता है। 

इससे पहले मैसर्ज कंटीन्यूम एनर्जी, आस्ट्रेलिया के डायरैक्टर रसल टैटम ने म्युंसपल ठोस अवशेष को उच्च कैलोरीफिक इकौ-फ्यूल में बदलने की प्रक्रिया के बारे विस्तृत पेशकारी दी। कंपनी ने शुरुआती तौर पर 1000 टन प्रति दिन ताज़े म्युंसपल ठोस अवशेष को इकौ-फ्यूल बदलने के लिए पंजाब में प्लांट स्थापित करने में गहरी रूचि प्रकट की। इस अभिलाषी प्रोजैक्ट के लिए इस्तेमाल की गई प्रौद्यौगिकी संयुक्त राष्ट्र के स्थायी विकास लक्ष्यों के अनुसार है।

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