राम है सब में रमा राम में संसार है पुत्र समझते हो जिसे तुम विष्णु का अवतार है

कपूरथला(द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गौरव मढिय़ा। चाहूं तो चुटकियों में इस धनुष को नभ में उछाल दू, पल भर में इसे तोड़ के मरोड़ के रख दूं। यह उदगार प्रभु श्रीराम ने एक ही झटके में शिव धनुष उठाने के बाद श्री प्रताप धर्म प्रचारिणी सभा रामलीला दशहरा कमेटी की ओर से बुधवार की शाम देवी तालाब में मंचित नाटक सीता स्वंयवर दौरान कहे। इससे पूर्व मुनी विश्वामित्र अयोध्या नरेश दशरथ के दरबार में पहुंच कर उनसे हवन यज्ञ में खलल डालने वाले राक्षसों के वध के लिए प्रभु राम और लक्ष्मण को लेकर जाने की बात कहते है और उनकी बात सुनते ही अयोध्या नरेश दशरथ कहते है कि अभी तो राम और लक्ष्मण इतने बड़े नहीं है कि राक्षसों से घोर युद्ध लड़ सके। लेकिन मुनी विश्वामित्र बार बार राजा से मदद की गुहार लगाते हुए उनकी प्रतिज्ञा को याद कराते हुए कहते है कि आप जैसे पराक्रमी रघुवंशी राजा कैसे अपनी प्रतिज्ञा को तोड़ सकते है।

Advertisements

इतनी बात सुनकर रूष्ट होकर जाते हुए विश्वामित्र को गुरू वशिष्ट रोकते है और राजा करे समझाते है कि राम है सब में रमा राम में संसार है, पुत्र समझते हो जिसे तुम विष्णु का अवतार है। दूसरे दृश्य में राम, लक्ष्मण और बाहुबली राक्षसों में घोर युद्ध होता है और राक्षसी ताड़का मारी जाती है और रावण का मामा मारीच युद्ध मैदान छोड़ कर दौड़ जाता है और प्रभुु श्री राम ने एकाएक कई राक्षसों का संहार कर डाला, जिससे देवी देवता प्रसन्न होकर पुष्प वर्षा करते है। युद्ध के बाद मुनी विश्वामित्र को संदेशा मिलता है कि मिथिलापुरी नरेश राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वयंकर रचा रखा है। मुनी के साथ प्रभु श्रीु राम और लक्ष्मण भी स्वयंवर देखने के लिए चले जाते है,जिसमें अलग अलग राज्यों के राजा और लंका नरेश रावण भी स्वयंवर में अपने दमखम दिखाते है, लेकिन स्वयंवर में शामिल कोई भी राजकुमार शिव धनुष को नहीं तोड़ पाता है, जिसे देखकर राजा जनक विचलित हो जाते है। छोटे भाई लक्ष्मण बार बार प्रभुु राम को धनुष तोड़ने का आग्रह करते है,तो प्रभुु राम एक ही पल में धनुष का चिल्ला चढ़ाकर अपना पराक्रम साबित कर स्वयंवर जीत लेते है,उक्त दृश्य में प्रभुु राम की शक्ति को देख भक्तजन बोल सियापती राम चंद्र महाराज की जय के जयकारे लगाते है और 3-डी रामलीला के मंचन में अपने आप को लिप्त पाकर प्रभु भकित में लीन हुए।

इस मंचित नाटक का उद्धघाटन करतार ईटों के भटठे के मालिक जसप्रीत नागरा व करतार ट्रेवल्ज के मालिक गुरप्रीत सहोता ने अपने करकमलों से किया। इस अवसर पर श्री प्रताप धर्म प्रचारिणी सभा रामलीला दशहरा कमेटी के अध्यक्ष विनोद कालिया, राजेश सूरी, बिशंबर दास, कमलजीत सिंह, कृष्ण लाल सर्राफ, रजिंदर वर्मा, सुरिन्दर शर्मा, एडवोकेट पवन कालिया, हरवंत सिंह भंडारी, अश्वनी सूद,  मंगल सिंह, गुलशन लुंबा, दविंदर कालिया, पवन लुंबा, बावा पंडित, जोगिंदर जेके, लखविंदर सिंह, अशोक बव्वल समेत सैंकडों सभा के सदस्य मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here