लोगों को प्रदूषण मुक्त दिवाली मनानी चाहिए और देश के शहीदों के नाम रक दीपक जलाना चाहिए: शाम सुंदर अग्रवाल 

कपूरथला, (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया: लोग प्रदूषण मुक्त दिवाली मनाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहयोग करें। ये बातें व्यक्त करते हुए भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शाम सुंदर अग्रवाल ने कहा कि हमें पर्यावरण सुचेत होते हुए त्योहारों पर पटाखे नहीं फोड़कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान देना चाहिए।उन्होंने पंजाब पासी बच्चों और बच्चों के माता-पिता से अपील की कि जो पंजाब के पर्यावरण गंदा हो रहा है को बचाने के लिए कम से कम पटाखे फोड़े और दिवाली के दिन एक एक पौधा जरूर लगाए ताकि हम अपने पंजाब को एक स्वस्थ और रंगीन पंजाब बना सकें।अग्रवाल ने कहा कि दिवाली के मौके पर देश भर में 80 प्रतिशत पटाखे बिकते हैं।99 दिनों में जितना प्रदूषण फैलता है,उतना प्रदूषण दीपावली की एक रात में ही फैल जाता हैं।दीपावली के दिन पटाखों के कारन प्रति व्यक्ति के सरीर में 40 सिगरेट जितना धुंआ चला जाता है और ध्वनि प्रदूषण 125 डेसीबल तक पहुंच जाता है।पटाखों में एल्युमिनियम,बेरियम,आयरन, पोटैशियम सल्फर और स्ट्रोंटियम आदि 6 भारी धातुएं होती हैं जो हवा में मिलकर जहां पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं वही सांस,कैंसर और त्वचा रोगों के लिए भी जिम्मेदार हैं।विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के पहले 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 शहर उत्तर भारत के है।

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भारत में हर साल 12 लाख से अधिक मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं।अग्रवाल ने कहा कि दिवाली के अवसर पर देश भर में 2200 करोड़ रुपये पटाखों पर खर्च किए जाते हैं।यह पैसा चाहिए रचनात्मक गतिविधियों पर खर्च करना चाहिए।अग्रवाल ने कहा कि इस वर्ष दीपावली शहीद जवानों के नाम मनाये।एक दीया नहीं बल्कि सभी दीपावली के सभी दीये शहीदों के नाम पर जलाएं।हम अपने घरों में तभी तक सुरक्षित हैं, जब तक हमारे जवान सीमा पर हैं।इस चौकसी में उनकी सहादत भी शामिल है जो अब हमारे बिच नहीं है।देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारत माता के महान सपूतों को याद करना हमारा नैतिक धर्म है।

हमारे सैनिक जो बर्फीली रातों में पहाड़ों और रेगिस्तानों में चौकस खड़े रहते हैं।अगर एक आम आदमी को एक दिन भी इस स्थिति में रहना पड़ा,तो वह बीमार हो जाएगा।उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए कि हमारे सैनिक दिन-रात ऐसी परिस्थितियों में रह रहे हैं। जरूरत है कि हम अपने सैनिकों के त्याग और बलिदान को समझे,अगर हम कुछ और नहीं कर सकते तो कम से कम हम उन सैनिकों को याद कर सकते हैं जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनी जान गंवाई।इसका सबसे आसान तरीका है दीया जलाना।इस दीवाली पर आप कहीं भी हों यह दीया आप किसी भी शहीद के स्मारक,शहीद की मूर्ति या किसी सार्वजनिक स्थान पर जला सकते हैं।

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