नक्शे के विपरीत बन रही इमारतों को 269(1) के तहत नोटिस जारी, संतोषजनक जवाब न देने पर होगी कड़ी कार्यवाही: अधिकारी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। “द स्टैलर न्यूज़” की तरफ से शहर व आसपास इलाकों में नाजायज तौर पर बन रहीं कालोनियों और नक्शे के विपरीत बनाई जा रही इमारतों को लेकर सीरीज़ चलाई जा रही है ताकि लोग जागरुक हो सकें कि अगर वे दुकान व घर बनाने की सोच रहे हैं तो वे नाजायज तौर पर बन रही कालोनियों और कमर्शियल इमारतों के जाल में न फंसे। इसी कड़ी के तहत दो दिन पहले ही जहां नाजायज कालोनी काटे जाने का मामला ध्यान में लाए जाने के बाद नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच द्वारा कालोनी का काम रुकवा दिया गया है वहीं कालोनी मालिक से कालोनी संबंधी दस्तावेज भी मांगे गए हैं। लेकिन अभी तक कालोनी मालिक द्वारा निगम अधिकारियों के समक्ष कोई कागजात पेश नहीं किए गए हैं। जिसके चलते अधिकारियों ने और भी सख्त रुख अपना लिया है।

Advertisements

नगर निगम की तरफ से शहर के महाराज जस्सा सिंह रामगढ़ीया चौक से महाराणा प्रताप चौक के बीच मार्ग पर कथित तौर पर नक्शे के विपरीत बनाई जा रही इमारत तथा सिविल अस्पताल के समीप बन रही एक अन्य इमारत के मालिकों को म्युनिसिपल एक्ट की धारा 269(1) के तहत नोटिस जारी करके उनसे जवाब मांगा गया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर इमारत बनाने वाले का जवाब संतोषजनक न हुआ तो निगम द्वारा आगे की कार्यवाही की जाएगी।

प्राप्त जानकारी अनुसार मास्टर प्लान के अनुसार होशियारपुर शहर व बाहरी इलाके में कोई कमर्शियल इमारत का निर्माण किया जाता है तो उसके लिए बनाए गए नियमों की पालना यकीनी बनाई जानी चाहिए। जिसके तहत दो मंजिल से ऊंची इमारत बनाने के लिए सडक़ 80 फिट और इमारत की चौड़ाई 18 मीटर और इमारत के आगे पार्किंग के लिए 6मीटर की जगह होना अनिवार्य हैै।

शहर के बाहरी एवं अंदरुनी भाग में ऐसी बहुत सारी इमारतों का निर्माण पिछले कुछ सालों में ही कुछ इस कद्र हो चुका है कि उन्हें देखकर लगता ही नहीं कि उन पर कोई नियम लागू हुआ होगा। नगर निगम में बिल्डिंग ब्रांच होने के बावजूद शहर की अधिकतर कमर्शियल इमारतें नियमों को ताक पर रखकर बनाई गई हैं। जिसके चलते न तो पार्किंग की सही व्यवस्था है और न ही मास्टर प्लान के अनुसार इमारत की जगह है।

अकसर लोग दो मंजिलों का मतलब ग्राउंड फ्लोर, पहली मंजिल व दूसरी मंजिल समझते हैं। जबकि नियमानुसार मंजिल लैंटर से आंकी जाती है कि इमारत में कितने लैंटर पड़े हुए हैं। कथित तौर पर मिलीभगत करके बनाई गई इमारतों की अगर लिस्ट बनाई जाए और उन पर भारी भरकम जुर्माने लगाकर कार्यवाही की जाए तो नियम को अच्छी खासी इनकम हो जाएगी, जिससे शहर के कई विकास कार्य पूरे करवाए जा सकते हैं।

लेकिन अब सवाल ये है कि बिल्ली के गले में घंटी बांधेगा कौन?क्योंकि, अधिकतर इमारतें पूंजीपतियों और राजनीति व अधिकारिक रसूख रखने वाले लोगों की हैं और ऐसे में कोई भी अधिकारी मधुमक्खियों के छत्ते को छेडऩे से परहेज रखने में भलाई समझे हुए हैं। अगर अधिकारियों पर दवाब न हो और उन्हें नियमानुसार काम करने की आज्ञा दी जाए तो नगर निगम की आम जनता में जहां छवि काफी हद तक सुधर सकती है वहीं नियमों को ताक पर रखकर काम करने वालों को भी नसीहत होगी।

सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार जालंधर रोड, महाराणा प्रताप चौक, महाराज जस्सा सिंह रामगढिय़ा चौक से टांडा बाईपास चौक व धर्मशाला मार्ग शहर से गुजरते नैशनल हाई-वे के समीप कमर्शियल इमारत बनाने के लिए नैशनल हाई-वे अथार्टी के एनओसी की जरुरत पड़ती है। अगर कोई इमारत पुरानी बनी हुई है व उसका नक्शा पहले से पास है तो उसके लिए इसकी जरुरत नहीं पड़ती। लेकिन रिवाइजड़ नक्शा पास करवाना जरुरी होता है। सूत्रों की मानें तो इसी मार्ग पर तेजी से बन रही इमारत का एनओसी न होने के बावजूद भी उसका नक्शा पास हो गया और वह किस तरतीब से पास हुआ इसकी अगर गहनता से जांच हो तो कई लोगों के चेहरे जनता के सामने नंगे होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

नैशनल हाई-वे अथार्टी से एनओसी लेने के लिए एक लंबी चौड़ी औपचारिकताओं से गुजरना पड़ता है और एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी द्वारा भी अपना कार्यालय बनाने के लिए नैशनल अथार्टी के समक्ष एनओसी के लिए अप्लाई किया जा रहा है ताकि इमारत का नक्शा पास करवाने में कोई दिक्कत पेश न आए। आटे में थोड़ा बहुत नमक तो गूंथा जा सकता है लेकिन यहां तो नमक ही गूंथा जा रहा है, जिससे सरकार को फीस के रुप में हर साल करोड़ों रुपयों के राजस्व का नुकसान पहुंच रहा है। अब देखना ये होगा कि इस गंभीर मामले को लेकर नगर एवं जिला प्रशासन और पंजाब सरकार क्या कदम उठाती है।

उक्त इमारतों संबंधी बात करने पर बिल्डिंग इंस्पैक्टर दिनेश जोशी एवं इंस्पैक्टर कुलदीप सिंह का कहना है कि उन्होंने मौका मुआयना करके उक्त इमारतों के मालिक को म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट की धारा 269(1) के तहत नोटिस जारी करके अपना पक्ष पेश करने को कहा है तथा अगर मालिक का जवाब संतोषजनत न हुआ तो एक्ट के अनुसार बनती अगली कार्यवाही शुरु की जाएगी, जिस संबंधी मीडियो को भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी नियमों के विपरीत जाकर कमर्शियल इमारत बनाने की आज्ञा नहीं दी सकती तथा ये भी पता करवाया जाएगा कि जो इमारतें नैशनल हाई-वे पर नई बन रही हैं उनके पास एनओसी है या नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here