हैपी सीडर व सुपर एस.एम.एस सिस्टम ने बढ़ रहे प्रदूषण पर लगाई लगाम

– गांव कोटला के किसानों ने 120 एकड़ गेहूं की सीधी बिजाई करके कायम की मसाल
– जिलाधीश ने खेतों का दौरा करके की हौंसला अफजाई
होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। जिले में चल रही हैप्पी सीडर मशीन तथा सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एस.एम.एस) बढ़ रहे प्रदूष्ण को रोकने के लिए कारगर साबित हो रहे है। जहां बहुत सारे किसानों की ओर से इस बार धान की पराली/अविशेषों को आग न लगा कर पहलकदमी की जा रही है, वही जिले के कोटला गांव के किसानों गुलाब सिंह तथा दलेर सिंह ने एक नई मिसाल कायम कर दी है। गुलाब सिंह ने अब तक 55 एकड़ तथा दलेर सिंह ने अब तक 65 एकड़ रकबे में बिना धान की पराली/रहंदखूंद को आग लगाए हैप्पी सीडर मशीन से गेहूं की सीधी बिजाई कर दी है। इस के अलावा दलेर सिंह की ओर से सुपर एस.एम.एस से 300 एकड़ धान की फसल की कटाई भी की जा चुकी है तथा अब भी उस के सुपर एस.एम.एस की बड़ी मांग है।
इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर विपुल उज्जवल ने बताया कि मानयोग नैश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों पर धान की पराली को आग लगाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है जिस के मद्देनजर जिले के किसानों की ओर से पराली को जमीन में ही दबा कर सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने गांव कोटला तथा गांव ठीडा का दौरा करते हुए किसान गुलाब सिंह तथा दलेर सिंह से बातचीत की तथा उनकी हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि उनकी ओर से जो हैप्पी सीडर मशीन से गेहूं की सीधी बिजाई की जा रही है यह प्रयास काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि इन किसानों को सरकार की ओर से हैप्पी सीडर मशीन खरीद दौरान 44 हजार रुपये सब्सिडी की सहुलियत भी मुहैय्या करवाई गई है।
श्री विपुल उज्जवल ने किसानों को अपील करते हुए कहा कि जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने तथा वार्तवण को दूषित होने से बचाने के लिए किसान धान की पराली को आग न लगाए, बल्कि खेतीबाड़ी विभाग की सिफारिशों के अनुसार नई तक्नीकों को अपनाने को तरजीह दें। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से नई विकसित की गई मशीनों पर 40 से 50 फीसदी तक सब्सिडी की सहुलियत भी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि खेती बाड़ी विभाग होशियारपुर की ओर से अब भी हैप्पी सीडर मशीन तथा मोल्ड बोल्ड पलाओ की खरीद पर सब्सिडी की सहुलियत प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि नई तक्नीकों को अपनाने से जहां किसानों के पैसे बचते है, खेत में जैविक मादा बढ़ता है, खाद की बच्चत होती है तथा खेत में नदीन नाशक दवाइयों का प्रयोग भी कम होती है। उन्होंने कहा कि गेहूं की सीधी बिजाई की फसल 15 से 20 दिन तक अगेती बीजी जा सकती है जिस से 3 से 4 क्विंटल अधिक झाड़ मिलता है तथा रहंदखूंद को आग लगाने से निजात पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि किसान धान की पराली को पशुओं के लिए सूखे चारे के तौर पर प्रयोग कर सकते है। इस मौके पर मुख्य खेतीबाड़ी अफसर डा. विनय कुमार, भूमि परख अफसर सुरिंदर सिंह, इंजीनियर यशपाल धीमान, खेतीबाड़ी अफसर भूपिंदर सिंह के अलावा अन्य भी मौजूद थे।
अन्य किसानों के खेतों की भी सीधी बिजाई करेगा गुलाब सिंह
गांव कोटला के किसान गुलाब सिंह का कहना है कि उसने हैप्पी सीडर मशीन से अपनी करीब 75 एकड़ क्षेत्र में गेहूं की सीधी बिजाई करने का लक्ष्य रखा है जब कि इसके अलावा वे अन्य किसानों के खेतों में भी इस तक्नीक से सीधी बिजाई करेगें। उन्होंने कहा कि अब तक वे 55 एकड़ क्षेत्र में बीजाई कर चुके है और इस तक्नीक से औसतन 400 रुपये का खर्चा प्रति एकड़ आ रहा है। इस तक्नीक से पानी का खर्चा भी बच गया है और जमीन की सेहत भी बढिय़ा रहेगी। गुलाब सिंह ने इस तक्नीक से खुशी जताते हुए बाकी किसान भाईयों को भी यह तक्नीक अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि उसने हैप्पी सीडर मशीन की खरीद पर सरकार की ओर से 44 हजार रुपये सब्सिडी के रुप में सहायता भी प्राप्त की है।
सुपर एस.एम.एस सिस्टम को मिला बढिय़ा रिस्पांस : दलेर सिंह
गांव के कोटला के ही किसान दलेर सिंह ने अपनी कंबाइन हारवैस्टर से लगाए सुपर एस.एम.एस सिस्टम संबंधी बताते हुए कहा कि वे करीब 300 एकड़ क्षेत्र में धान की कटाई का काम कर चुका है। यह सिस्टम बहुत बढिय़ा है और किसान इस सिस्टम से धान की कटाई करवाने को प्राथमिकता दे रहे है। उसने कहा कि उसने हैप्पी सीडर मशीन भी खरीदी है और उस ने 44 हजार रुपये सब्सिडी के रुप में सहायता प्राप्त की है। उस का कहना है कि उस ने हैप्पी सीडर मशीन से अपनी करीब 115 एकड़ क्षेत्र में गेहूं की सीधी बिजाई करने का लक्ष्य रखा है जब कि अब तक 65 एकड़ क्षेत्र में बीजाई की जा चुकी है।

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