होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। समाजिक व प्राकृतिक वातावरण प्रेमी वीर प्रताप उर्फ पीके राणा ने कई स्वास्थ्य व वित्त माहिरों से बात की कि पंजाब के किसानों को किस तरह से कर्जे से मुक्ति दिलाई जाए, इस बारे में विचार विमर्श किए गये, वीर प्रताप ने पाया के भारत के कई हिस्सों में सरकार की एक्साइज पॉलिसी के अधीन किसान खसखस की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी भी अच्छी हो रही है व धरती नीचे के पानी की बचत भी हो रही है ।
वीर प्रताप ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को चिट्ठी लिखकर बेनती की है कि पंजाब के छोटे कर्जाई आठ ऐकड से नीचे वाले किसानों को सरकारी निगरानी के नीचे बारी बारी प्राकृतिक अफीम की खेती की इजाजत दे, ता कि किसान इस अफीम को दवाई निर्माता कंपनीयों को बेच कर कर्जे से मुक्ति पा सकें।
आज घुट घुट कर मर रहे पंजाब के किसान को आर्थिक संकट से बाहर निकाला जा सकता है व पंजाब के किसान को फिर से खुशहाल बनाया जा सकता है, वीर प्रताप ने कहा कि सरकार चाहें तो इसका एक बिना सरमाएदारों के दखल के सर्वे भी करवा सकती है।
वीर प्रताप ने आगे कहा कि भारत के कई राज्यों में इस समय अफीम की खेती सरकारी निगरानी के हेठ हो रही है, तो पंजाब इससे वंचित क्यों? उन्होंने कहा है कि पंजाब के किसान को खुशहाल बनाने के लिए सरकार गंभीरता से विचार करते हुए पंजाब में खसखस की खेती की किसानों को तुरंत आज्ञा प्रदान करें व खसखस को एनडीपीसी ऐक्ट से बाहर करे।