सेहत अधिकारियों की लीपापोती पर विश्वास न करके कार्यवाही कर जनता के सामने सच लाए सरकार: निपुण शर्मा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल अस्पताल में निजी अस्पताल के स्पैशलिस्ट डाक्टरों को ओपीडी करने के फैसले पर अब स्वास्थ्य अधिकारी कितना भी पर्दा डालने का प्रयास करें, लेकिन अधिकारियों की प्राइवेट अस्पताल को प्रमोट करने की मंशा जाहिर हो चुकी है तथा ऐसे ही अधिकारी होते हैं जो सरकारी संस्थाओं में बैठकर प्राइवेट हाथों को मजबूत करते हैं। अधिकारियों की मिलीभगत सामने आने पर अब भले ही वह लीपापोती कर रहे हों, लेकिन अगर पंजाब सरकार जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए प्राइवेट हाथों को मजबूत करना चाहती है तो उसे मोहल्ला क्लीनिक जैसे प्रोजैक्ट बंद कर देने चाहिए और इस प्रकार निजी अस्पताल को जनता की लूट के दरवाजे खोल देने चाहिए। अगर ऐसा नहीं है तो यह फैसला लेने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। यह बात भाजपा जिला प्रधान निपुन शर्मा ने इस संबंधी एक बैठक दौरान कही।

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कहा, जनता को स्वास्थ्य सेवाएं देने में असमर्थ सरकार के अधिकारी निजी हाथों लूट करवाने की कर रहे तैयारी

श्री शर्मा ने कहा कि हर कला में संपन्न सरकार के स्वास्थय अधिकारी अब इस बात को घुमाने में लगे हैं कि इस बारे में उच्चाधिकारियों के निर्देश लिए जा रहे हैं। लेकिन अगर अधिकारियों के निर्देश ही लेने थे तो एमओयू साइन करने से पहले लेने चाहिए थे, अब तो यह प्रतीत हो रहा है कि वह अपने किए पर पर्दा डालते हुए जनता को गुमराह करने में जुट गए हैं। उन्होंने कहा कि हम भी चाहते हैं कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होना चाहिए तथा सरकारी अस्पताल एवं इससे जुड़ी हर सरकारी संस्था में नई तकनीक की मशीनें तथा डाक्टरों की कमी को पूरा किया जाना चाहिए। परन्तु इस प्रकार अंदरखाते एक निजी अस्पताल के साथ एमओयू साइन करना तथा यह कहना है कि इससे जनता की लूट नहीं होगी, तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि कैबिनेट मंत्री ब्रमशंकर जिम्पा के गृह जिले में इस प्रकार के फैसले लिए जा रहे हैं और मंत्री जी द्वारा इस पर टिप्पणी करनी भी जरुरी नहीं समझी। अंदरखाते लिए गए इस फैसले की गहनता से जांच बहुत जरुरी है कि आखिर ऐसी क्या नौबत आ गई थी जो जनता को सुविधाओं के नाम पर मात्र एक निजी अस्पताल के साथ सांठगांठ कर ली गई।

श्री शर्मा ने कहा कि बहुत सारे अस्पताल हैं जो समाज सेवा के तौर पर कैंप आदि लगाते रहते हैं तथा निशुल्क सेवाएं प्रदान करते हैं। लेकिन सरकारी संस्था में बैठकर जनता के शोषण की आज्ञा नहीं दी जा सकती। भले ही यह लोगों की मर्जी पर होगा कि वह उनके पास निजी अस्पताल में जाएं या न जाएं लेकिन सवाल है कि समाज सेवा के नाम पर सरकारी संस्था का प्रयोग कहां तक सही है। इस दौरान अन्य भाजपा नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार यहां पूरी तरह से फेल साबित हो रही है कि उसके अधिकारी उसके नियंत्रण में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि लीपापोती के स्थान पर सरकार को इस फैसले की जांच करवानी चाहिए और इसके पीछे के अधिकारियों के असल मकसद को जनता के सामने लाते हुए उन पर कार्यवाही करनी चाहिए। इस मौके पर महासचिव डा. बिन्दुसार शुक्ला, जिन्दू सैनी,दिलबाग सिधू,कमल वर्मा,राजा सैनी,अजय शर्मा,राजकुमार बलराम शर्मा,पाल सिंह, राजन शर्मा,कमल वर्मा,राजन शर्मा सहित अन्य भाजपा नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।

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