साध्वी शामभवी ने साधकों को जल संरक्षण और पौधारोपण करने की प्रेरणा दी

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से अपने स्थानीय आश्रम में आयोजित दो दिवसीय विलक्षण योग एवं ध्यान शिविर के आज दूसरे दिवस संस्थान की ओर से श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री शामभवी भारती ने बताया कि बढ़ते हुए शहरीकरण, प्रदूषण, अनियमित आहार विहार और ओद्योगिकीकरण से जहां वृक्ष कटाव से प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति पैदा हुई है वहीँ प्रदूषित वायु में सांस लेना भी दूभर हो चुका है। जिससे हृदय से सम्बंधित रोगों के साथ साथ मधुमेह, टी.बी, कैंसर, डेंगू, चिकनगुनिया व विविध विषम ज्वरों में अभिवृद्धि हो रही है। साध्वी जी ने बताया की विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्लयुएचओ के अनुसार विज्ञान का सहारा लेकर आधुनिक चिकित्सा पद्धति ने जहां चरमोत्कर्ष को प्राप्त किया है वही अभी बहुत सी ऐसी बीमारियां हैं जिनका समाधान आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में तो नहीं परंतु भारतीय वैदिक योग दर्शन में है।

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वस्तुत योग का आश्रय लेकर जीवेम शरद: शतम की अवधारणा के अनुरूप नियमित दिनचर्या के साथ मनुष्य चाहे तो सौ वर्ष तक भी निरोगी जीवन यापन कर सकता है। आर्यावर्त भारत के योग मनीषियों द्वारा प्रदत योग पद्धति के अनुसार साध्वी जी ने उपस्थित साधकों को नाड़ी शोधन, अनुलोम विलोम, स्कन्ध चालन, पाद चालन, मंडूक आसन, अर्ध चंद्रासन इत्यादि क्रियाओं का विधिपूर्वक अभ्यास करवाया और साथ ही इनके दैहिक और वैज्ञानिक लाभों से परिचित भी करवाया। प्रकृति संरक्षण की ओर बल देते हुए साध्वी जी ने साधकों को जल संरक्षण और पौधारोपण करने की प्रेरणा दी। ध्यान देने योग्य है कि कार्यक्रम के अंतर्गत आज संस्थान द्वारा अपने संजीविका प्रकल्प के अंतर्गत साधकों को आयुर्वेदिक औषधियां भी उपलब्ध करवाई गई।

कार्यक्रम का आरम्भ विधिवत वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। साधकों के सामूहिक ध्यान के साथ कार्यक्रम के अंत में साध्वी रुक्मणि भारती,साध्वी वसुधा भारती,साध्वी प्रियंका भारती,साध्वी पूनम भारती, साध्वी मेयंका भारती,साध्वी मीमांसा भारती जी ने शान्ति मन्त्र का उच्चारण कर सर्व जगत कल्याण की प्रार्थना भी की। साधकों ने दैहिक स्वस्थता व आत्मिक शक्ति से ओतप्रोत हो कार्यक्रम का भरपूर लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम के उपरान्त साधकों के लिए भंडारे की व्यवस्था भी की गई।

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