किसान गेहूं की कटाई के बाद नाड़ को न लगाए आग: कोमल मित्तल

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिश्नर-कम-जिला मजिस्ट्रेट कोमल मित्तल ने  रबी सीजन-2023 में जिले के किसानों को जरुरी निर्देशों का पालन यकीनी बनाने के लिए कहा है। उन्होंने एक ओर किसानों को जहां गेहूं की नाड़ को आग न लगाने के निर्देश दिए हैं वहीं जिले में कंबाइन से गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 10 बजे के बीच न करने का आदेश दिया है। जारी आदेश में उन्होंने फौजदारी संहिता 1973(1974 का एक्ट नंबर 2) की धारा 144 की अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा के अंदर गेहूं के अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी लगा दी है। इसके अलावा यह भी हिदायत की कि किसी भी हालत में कंबाइनों से गेहूं की कटाई सांय 7 बजे से सुबह 10 बजे के बीच न की जाए। उन्होंने कंबाइन के मालिकों को हिदायत करते हुए कहा कि हारवेस्टर कंबाइन का प्रयोग करने से पहले इसकी कृषि विभाग के माध्यम से आप्रेशन वर्दीनेस के बारे में इंस्पेक्शन करवाना अनिवार्य होगा।

Advertisements

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि आम तौर पर देखने में आया है कि गेहंू की नाड़ को संबंधित मालिकों की ओर से आग लगाने की प्रथा होने के कारण गेहूं के अवशेषों को आग लगा दी जाती है, जिससे जानी व वित्तिय नुकसान होने की संभावना बनी रहती है और बड़े हादसे भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके चलते गांवों में लड़ाई झगड़े होने का डर रहता है व प्रदूषण से सांस की बीमारियां हो सकती है। आग लगाने से जहां वातावरण प्रदूषित होता है वहीं जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है। इससे जमीन के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। कोमल मित्तल ने कहा कि उनके ध्यान में यह भी आया है कि आम तौर पर गेहूं की कटाई कंबाइनों की ओर से 24 घंटे की जाती है। यह कंबाइनों रात के समय ओस पडऩे के कारण गीले गेहूं की कटाई कर देती है। इस तरह गेहूं में नमी सरकार के ओर से निर्धारित मापदंडों से अधिक होने की संभावना होती है और ऐसी फसल को खरीदने के समय खरीद एजेंसियां गुरेज करती हैं, जिससे जमींदारों को काफी मुश्किल पेश आती है। उन्होंने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे निर्धारित नमी वाला गेहूं ही मंडियों में लाने के लिए कहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here