डा. ज्योति खन्ना के पांचवे काव्य संग्रह ‘स्व से स्व तक’ एक यात्रा का हुआ लोकार्पण

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। होशियारपुर से ज्योति खन्ना पत्नी मानव खन्ना का पांचवा काव्य संग्रह ‘स्व से स्व तक’ एक यात्रा का राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ से पंजाब प्रांतीय ईकाई के अध्यक्ष डा. धर्मपाल साहिल तथा अध्यक्षीय मंडल द्वारा सफलता पूर्वक किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के प्रभारी अविनाश राय खन्ना विशेष रूप से उपस्थित हुए तथा ज्योति प्रज्जवलित कर उन्होंने कार्यक्रम का आगाज किया व शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का कुश्ल मंच संचालन डा. रजनीश ऋषि जी ने किया। संतूर इंटरनैश्नल पब्लिक स्कूल फगवाड़ा के बच्चों ने गुरमत काव्य पाठ करते हुए शबद गायन किया। संस्था के गणमान्य जनों ने काव्य पाठ किया। “रूचियां और शौंक इंसान को मानसिक रूप से तरोताज़ा रखते हैं। डा. ज्योति खन्ना ने इस कथन को सत्य साबित किया है बचपन से ही लेखन कार्य में रूचि लेने वाली, जालंधर में पली बड़ी तथा वही से शिक्षा अध्ययन की। व्यवसायिक रूप से डा. ज्योति फगवाड़ा के प्रतिष्ठित विद्यालय में प्रधानाचार्या के पद पर कार्यरत है।

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अविनाश राये खन्ना ने ज्योति प्रज्जवलित कर किया कार्यक्रम का आगाज

डा. ज्योति पिछले 26 साल से शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी हैं साथ ही साथ काव्य लेखन, नाट्य मंचन, समाज सेवा में रूचि रखती हैं तथा जालन्धर में एनजीओ पहल के साथ भी कार्यरत है। कईं साहित्यिक संस्थाओं की सदस्या डा. ज्योति राष्ट्रीय संस्था ‘शब्दाक्षर ‘ में प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर आसीन है। सात बार विशेष प्रधानाचार्या पुरस्कार विजेता ,पाँच राष्ट्रीय पुरस्कार तथा आठ राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। 2022 में सौंदर्य प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर फस्ट रनरअप रही। सदैव अपने गुरूजन के मार्गदर्शन में रहने वाली डा. ज्योति के पाचवें काव्य संग्रह ‘स्व से स्व तक एक यात्रा को पाठकों तक पहुंचाया। इतना ही नहीं इसका सी बी एस सी हेतु हिंदी व्याकरण (कक्षा प्रथम से आठवीं तक) पुस्तक का दूसरा संशोधित संस्करण विभिन्न विद्यालय में इस वर्ष भी पढ़ाया जा रहा है। सदैव अपने गुरुजन के मार्गदर्शन में रहने वाली डा. ज्योति खन्ना ने अपने गुरूजन को याद किया। ‘स्व से स्व तक’ एक यात्रा लिखने का उद्देश्य पंच तत्व से बने मनुष्य की स्वयं से पहचान है तथा अपूर्ण इच्छाओं के कारण जीवन मृत्यु का आवागमन है।

आत्मा और परमात्मा के प्रेम संबंध के माध्यम से उल्लिखित है, मनुष्य जब अकेलेपन व निराशा का शिकार होता है तो ख़ामोशियों से भी बात करता है। मृगतृष्णा मनुष्य को कभी पूर्ण नहीं होने देती। इस मौके पर राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था शब्दाक्षर के पंजाब प्रान्तीयध्यक्ष डॉक्टर धर्म पाल साहिल जी, जिला अध्यक्ष इंद्रजीत चौधरी, जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर अरविंद पराशर, एवं समस्त अध्यक्षीय मण्डल, विशेष अतिथि तथा कुशल साहित्यकार डा. अविनाश राय खन्ना, कुशल मंच संचालक डा. रजनीश ऋषि, मीनाक्षी मैन्नण, डा. तनुजा तनु, डा. सुमन डडवाल, प्रोफेसर हरीश, अशोक पुरी, रंजीव तलवाड़, राष्ट्रीय कवि मनोज शर्मा, नरेश मेहता, सरदार मनकू जी, सन्तूर इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन निखिल गुप्ता, नूपुर गुप्ता, समस्त पारिवारिक सदस्यों सहित व विशेष रूप से जालंधर व फगवाड़ा के बी डी पी ओ राजेश चड्डा उपस्थित हुए तथा डा. ज्योति को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

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