होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। शराब सेहत के लिए हानिकारक है। यह सब जानते हैं, पर पीने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। अधेड़, युवक व अब तो किशोर भी शराब के जाम छलकाने लगे हैं। शराब की यह लत इंसान को इस कदर गर्त में धकेल रही है कि वह सब कुछ दांव पर लगा बैठता है। शराब से इंसान के आंतरिक अंगों के खराब होने का खतरा तो है ही, वहीं यह डिमेंशिया रोग का कारण भी बन रही है। यह जानकारी मनोचिकित्सक डा. हरजोत सिंह मक्कड़ ने रंजीत एवेन्यू में सेमीनार को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि डिमेंशिया एक ऐसा रोग है जिसमें इंसान चीजें रखकर भूल जाता है।
वह पैसों का हिसाब नहीं रख पाता। उसका मूड अचानक बदल जाता है, चिड़चिड़ापन छा जाता है। तनाव का शिकार तो वह रहता ही है। उसे अकेला रहना अच्छा लगता है। एक शोध के अनुसार शराब पीने वाले डिमेंशिया का शिकार बनते हैं। शराब दिमाग पर बुरा प्रभाव डालती है। शराब पीकर पास आउट होना आपके दिमाग को ज्यादा हानि पहुंचाता है। इससे दिमाग के रिसेप्शन सेल खराब हो जाते हैं जिससे उम्र के साथ आप डिमेंशिया का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा मस्तिष्क कमजोर होना, लिवर खराब होना, कैंसर का खतरा बढ़ना, हृदय रोग, आंखों की रोशनी कम होना, हड्डियां कमजोर होना, डायबिटीज जैसी बीमारियां भी घेर लेती है। इसके अलावा इंसान आर्थिक मंदहाली का शिकार भी बनता जाता है।
डा. मक्कड़ के अनुसार वर्तमान में खुशी हो या गम लोग शराब की बोतलें खोल लेते हैं। इसका उनके बच्चों पर गहरा असर पड़ता है। वे भी शराब के प्रति आकर्षित होने लगते हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि लोग शराब का सेवन न करें। शराब छोड़ने का तरीका आसान है। लोग मनोचिकित्सक से मिलकर इससे निजात पा सकते हैं।