अमृतसर(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने प्रदेश में शराब जैसी बुराई को प्रोत्साहित कर रही है। नई आबकारी नीति के तहत अब दफ्तरों में कर्मचारी शराब पी सकेंगे। ऑफिस ही अब बार बनेगा। 12 जून से राज्य भर में स्थित बड़े कॉर्पोरेट कार्यालयों में कम मात्रा वाले अल्कोहल पेय जैसे बीयर, वाइन और पीने के लिए तैयार पेय पदार्थ परोसना संभव होगा। सरकार ने शराब से कमाई बढ़ाने के लिए यह निर्णय किया है, पर इसका कितना दुष्प्रभाव होगा यह सब जानते हैं। शराब से घर परिवार तबाह हो रहे हैं। सडक़ हादसे हो रहे हैं। कीमती जानें जा रही हैं।
9 मई को हरियाणा मंत्रिपरिषद ने 2023-24 आबकारी नीति लागू की है। इसमें कम से कम 5,000 कर्मचारियों वाले एक कॉर्पोरेट कार्यालय में बीयर, शराब और पीने के लिए तैयार पेय पदार्थों की अनुमति होगी। एक तरफ तो सरकारी नारे और निर्देश यह रहते हैं कि शराब पीकर गाड़ी न चलाएं पर जो दफ्तरों से शराब पीकर निकलेंगे उन्हें घर पहुंचाने के लिए क्या हरियाणा सरकार और कारपोरेट अधिकारी हेलीकाप्टरों का प्रबंध करेंगे या शराबियों को ड्राइवर देंगे, जो उनकी गाड़ी चलाकर उन्हें घर छोडक़र आएं, क्या यह नहीं होगा कि महिलाओं में भी शराब पीने की आदत यह सरकार बढ़ा देगी। केवल शराब से आमदनी बढ़ाने के लिए यह सारा समाज और परिवार विरोधी निर्णय लिया गया है, जो सरकार वापस ले। मुख्यमंत्री हरियाणा यह जानते हैं कि महाभारत में शराब को कलियुग का निवास कहा गया है, तो यह कलियुग के रहने के लिए नए—नए आफिस खोले जा रहे हैं। याद रखिए कि जैसी कमाई होगी वैसा ही उसका असर भी होगा।