केंद्रीय टीम ने जल शक्ति अभियान अधीन पानी की संभाल संबंधी प्रोजैक्ट की प्रगति का लिया जायजा

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। केंद्रीय टीम ने जल शक्ति अभियान अधीन पहल की प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक सोमवार को जालंधर जिले का दौरा किया। केंद्रीय नोडल अधिकारी, संयुक्त सचिव, रक्षा मंत्रालय, दिनेश कुमार, आईएएस ‘कैच द रेन’ 2023 पहल के नेतृत्व में एक टीम ने चल रही योजनाओं का जायजा लेने के लिए कुछ स्थानों का दौरा भी किया। केंद्रीय नोडल अधिकारी ने जिलाधीश दीपशिखा शर्मा, केंद्रीय भूजल बोर्ड के वैज्ञानिक के.पी. सिंह के साथ संबंधित विभागों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की और उन्हें भूमिगत जल के गिरते स्तर को सुधारने के लिए और ठोस उपाय करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मानसून की शुरुआत से पहले और योजनाएं शुरू किए जाए ताकि भूजल स्तर के संबंध में सार्थक परिणाम सामने आ सकें। उन्होंने जिला जल संरक्षण योजना वर्ष 2023-24 को शीघ्र पूरा करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने व्यक्तिग

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त रूप से जल शक्ति केंद्रों, वर्षा जल संचयन प्रणाली, तालाबों, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और वृक्षारोपण अभियान सहित प्रमुख परियोजनाओं का दौरा किया। विभिन्न विभागों के साथ बैठकों के बाद, केंद्रीय संयुक्त सचिव दिनेश कुमार, आईएएस ने जल शक्ति केंद्र और अन्य लोगों के बीच विभिन्न स्थानों पर वर्षा जल संचयन प्रणाली, के.वी.के. नूरमहल में ड्रिप सिंचाई प्रणाली, तलवंडी माधो में थापर मॉडल के तहत तालाब, गांव सीचेवाल में सीचेवाल मॉडल के तहत बनाए गए तालाब का निरीक्षण किया। के.वी.के. में प्रगतिशील किसानों से भी बात करते हुए धरती निचले पानी को बचाने के लिए फसल विभिन्नता की जरूरत पर जोर दिया और इस संदर्भ में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की अपील की ताकि अन्य किसान भी आधुनिक तकनीकों को अपनाकर जल संरक्षण में अपना योगदान दे सकें। जिलाधीश दीपशिखा शर्मा ने केंद्रीय टीम को तालाबों के नवीनीकरण, जल उपचार संयंत्र, ड्रिप सिंचाई प्रणाली और पाइपलाइनों के माध्यम से तालाब के पानी के पुन: उपयोग जैसी परियोजनाओं के बारे में अवगत करवाया, जो संबंधित अधिकारियों द्वारा पहले ही शुरू की जा चुकी है। इसी प्रकार, आने वाले मानसून के मौसम में वर्षा जल के अधिकतम संरक्षण के लिए कई नई परियोजनाएँ प्रस्तावित की गई है।

केंद्रीय नोडल अधिकारी ने संबंधित विभागों से कहा कि जल संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अधिक संख्या में आईईसी गतिविधियां संचालित की जानी चाहिए। उन्होंने जिला टीम को सभी जल स्रोतों की जियो टैगिंग सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। केंद्रीय नोडल अधिकारी ने समयबद्ध तरीके से जिला जल संरक्षण योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर द्वारा समय-समय पर समीक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय दल ने अमृत जलाशयों की प्रगति की भी समीक्षा की। जालंधर में 75 अमृत सरोवर को विकसित करने की योजना है। जिला अधिकारियों ने केंद्रीय टीम को आश्वासन दिया कि 39 अमृत सरोवर का शेष कार्य इस महीने के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा और कुल 75 सरोवर पूरे कर लिए जाएगे। इससे पहले, केंद्रीय टीम ने दिव्य ज्योति जागृति संस्थान नूरमहल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने ड्रिप सिंचाई प्रणाली के माध्यम से ड्रैगन फ्रूट और अन्य फलों की जैविक खेती देखी। उन्होंने जल संरक्षण पर आधारित संस्थान द्वारा की जा रही अच्छी कृषि पहलों की भी प्रशंसा की।

इस दौरान केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने अपनी टीम के साथ विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सरकारी सकैंडरी स्कूल लाडोवली रोड में पौधारोपण भी किया। टीम के सदस्यों ने मानसून के मौसम से पहले अधिक से अधिक पौधे लगाने पर जोर दिया। इस मौके पर अन्य के इलावा अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर वीरेंद्रपाल सिंह बाजवा, भूमि एवं जल संरक्षण अधिकारी लुपिंदर कुमार, डीडीपीओ सुखबीर कौर, मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसवंत राय सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। बता दे कि जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करने के लिए केंद्रीय टीम आज तीन दिवसीय दौरे पर जालंधर पहुंची है।

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