किसानों को 8 घंटे और घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगीः हरभजन ई.टी.ओ.

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़) । पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आज यहाँ कहा कि गर्मी के मौसम के दौरान राज्य के लोगों को 24 घंटे और धान के इस सीजन दौरान किसानों को रोज़ना 8 घंटे निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता प्रबंध किये गए हैं। उन्होंने कहा कि पी.एस.पी.सी.एल. 14150 मेगावाट की माँग को पूरा करने की स्थिति में है और ज़रूरत पड़ने पर यह 1200 मेगावाट ट्रांसमिशन क्षमता का प्रयोग करके 15350 मेगावाट की माँग को पूरा करने के योग्य होगा।

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बिजली मंत्री ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब से बाहर से बिजली की आयात क्षमता (ए.टी.सी.सीमा) को बढ़ाकर 8800 मेगावाट कर दिया गया है जिसको एक-दो दिनों में बढ़ाकर 9000 मेगावाट किये जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 6400 मेगावाट उत्पादन और केंद्र सेक्टर और बी.बी.एम.बी प्लांटों में राज्य के 4800 मेगावाट हिस्से और 2950 मेगावाट के अल्पकालिक प्रबंधों के साथ, यानी अल्पकालिक आधार पर बाहर के राज्य से 7750 मेगावाट प्रबंधों के साथ पी.एस.पी.सी.एल. 14150 मेगावाट बिजली की माँग को पूरा करने की स्थिति में है। उन्होंने आगे बताया कि 1200 मेगावाट ट्रांसमिशन सामर्थ्य का प्रयोग करके पी.एस.पी.सी.एल. 15350 मेगावाट की माँग को पूरा करने के योग्य हो जायेगा। उन्होंने कहा कि बाकी बची ट्रांसमिशन क्षमता को ज़रूरत पड़ने पर वास्तविक समय की माँग और उपलब्धता के अंतर के आधार पर अदलाबदली के द्वारा खुले बाज़ार से बिजली खरीद कर पूरा किया जायेगा।

धान के सीजन 2022 के बाद निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए बुनियादी ढांचे के नवीनीकरण के कार्यों बारे विस्तार में बताते हुए बिजली मंत्री स. हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने कहा कि 11 नये 66 केवी ग्रिड सबस्टेशनों की स्थापना, मौजूदा 66 केवी ग्रिड सबस्टेशनों में नये 52 पावर ट्रांसफ़र्मरों को जोड़ने, 378 किलोमीटर लम्बी 66 केवी ट्रांसमिशन लाईन बिछाने, 352 नये 11 केवी फीडर, नये 27, 047 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफ़र्मर लगाने, 11 केवी के 1367 फीडरों की डीलोडिंग और डी.वी.एस स्कीम के अंतर्गत कृषि के लिए 43,628 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफ़र्मरों का विस्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि डी.टी. लॉस रेट भी 4.56 प्रतिशत पर नियंत्रित किया गया है।

बिजली मंत्री स. हरभजन सिंह ई.टी.ओ. ने आगे कहा कि हाल ही में पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों में आए भारी तूफ़ानों ने राज्य के बिजली संचार और वितरण बुनियादी ढांचे को भारी नुक्सान पहुँचाया है। उन्होंने बताया कि तूफ़ान के कारण लगभग 8150 खंभों, 1839 ट्रांसफ़र्मरों और लगभग 73 किलोमीटर कंडक्टर का नुक्सान हुआ है, जिसका कुल वित्तीय नुक्सान लगभग 16.5 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि पी.एस.पी.सी.एल. निरंतर निगरानी, फीडरों की व्यवस्थित गश्त और लाईनों को साफ़ करने के चलते कम से कम समय में तूफ़ान के कारण प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति को बहाल करने के योग्य रहा।

इसी दौरान आज बिजली मंत्री ने धान के सीजन के लिए बिजली की आपूर्ति के प्रबंधों का जायज़ा लेने के लिए एक समीक्षा मीटिंग की अध्यक्षीय की। उन्होंने पी.एस.पी.सी.एल.. को हिदायत दी कि गर्मियों के मौसम के दौरान निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित किया जाये। मीटिंग के दौरान पी.एस.पी.सी.एल.. और पी.एस.टी.सी.एल. के सीनियर अधिकारियों ने बिजली मंत्री को बताया कि वह इस गर्मी में बढ़ रही बिजली की माँग को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने बताया कि शहरी केन्द्रों पर मोबाइल ट्रांसफ़र्मरों, डिवीज़न स्तर और ग्रिड सब स्टेशनों पर मटीरियल स्टोरों का प्रबंध करने और शिकायतों से निपटने के लिए ज़रुरी मानव संसधान तैनात करने के अलावा डिवीज़न स्तर पर 104 नोडल शिकायत केंद्र, 21 सर्कलों में कंट्रोल रूम और 5 ज़ोन स्थापित करने के साथ-साथ शिकायतों के निपटारे के लिए मुख्य कार्यालय में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है।

पी.एस.पी.सी.एल. अधिकारियों ने बताया कि धान के सीजन दौरान डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफ़र्मरों, केबल/पीवीसी, कंडक्टर, खंभों और अन्य उपकरणों की स्टॉक स्थिति और आपूर्ति संबंधी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए काफ़ी है। उन्होंने आगे बताया कि डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफ़र्मरों और पावर लाईनों समेत बिजली वितरण प्रणाली का व्यापक रख-रखाव सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस रोकथाम और रख-रखाव संबंधी प्रयासों के परिणामस्वरूप इस साल पंजाब में बिजली की चिंगारीयों के कारण फसलों को आग लगने की कोई घटना नहीं घटी। इस मीटिंग में प्रमुख सचिव बिजली तेजवीर सिंह, पी.एस.पी.सी.एल. के सी.एम.डी बलदेव सिंह सरां, डायरेक्टर डिस्ट्रीब्यूशन पी.एस.पी.सी.एल. स.डी.पी. एस गरेवाल, डायरेक्टर जनरेशन पी.एस.पी.सी.एल. स. परमजीत सिंह, और डायरेक्टर टेक्निकल पी.एस.टी.सी.एल स. वरदीप सिंह मंडेर प्रमुख तौर पर उपस्थित थे।

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