आपातकाल को लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय कहा जाता रहेगा : तीक्ष्ण सूद 

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद  द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि 25 जून 1975 का दिन आजाद भारत  के इतिहास में एक काला दिन था ।

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जब  कांग्रेसी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी  ने  इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय विरुद्ध अपनी प्रधानमंत्री की कुर्सी को बचाने के लिए देश में आंतरिक एमरजेंसी लगाने की असंवैधानिक घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा कि आज के दिन पूरे देश को एक जेल के रूप में  परिवर्तित कर के सभी विपक्षी नेताओं को बिना कारण जेल में डाल दिया था तथा प्रेस की आजादी का भी गला गोट दिया गया था ।

19 महीने तक चले इस आपातकाल को भारत  के लोकतंत्र के इतिहास में एक काले अध्याय के तौर पर देखा जाता रहेगा । उन्होंने कहा कि क्योंकि भारत  की आत्मा में लोकतंत्र बस्ता है, इसलिए भारत  के लोगों ने इंदिरा गांधी तथा  उसकी तानाशाही  सोच को उखाड़ फेंका था ।श्री सूद ने हैरानी जताते हुए कहा कि एमरजेंसी लगाने वाली इंद्रा के वंशज आज पता नहीं किस मुंह से भारत  में लोकतंत्र के खतरे  की बात करते हैं, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल में सभी को अपनी बात कहने की पूर्णता  स्वतंत्रता है ।

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