जिलाधीश ने नगर निगमों/परिषदों को सोरस स्तर पर कूडे की सौ फीसदी बांट सुनिश्चित करने के दिए निर्देश

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। जिलाधीश विशेष सारंगल ने बुधवार को नगर निगम और नगर परिषदों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सोरस स्तर पर ठोस कचरे की सौ फीसदी बांट सुनिश्चित करे ताकि जिले में ठोस कचरे की उचित रीसाइक्लिंग सुनिश्चित की जा सके। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में जिला पर्यावरण योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों से कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तब तक संभव नहीं हो सकता जब तक कि कचरे को सोरस स्तर पर अलग नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि पूरे ठोस कचरे को घरेलू स्तर पर अलग किया जाए ताकि इसका निपटारा/ रीसाइक्लिंग उचित ढंग से किया जा सके।

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इसी प्रकार, उन्होंने अधिकारियों को जिले में खाद गड्ढों की कार्यप्रणाली का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करने का निर्देश दिया क्योंकि ये गड्ढे ठोस कचरे के निपटारे को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। श्री सारंगल ने जालंधर में चलाई की जा रही विभिन्न पर्यावरण अनुकूल योजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को सभी चल रही परियोजनाओं को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को अपनी पर्यावरण योजना को अपडेट करने और अंतिम योजना प्रशासन पास जमा करने का निर्देश दिया ताकि योजना को नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को भेजा जा सके।

डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एवं राज्य सरकार द्वारा जारी सभी निर्देशों का पूर्णतया अनुपालन किया जाए, प्रदूषण की रोकथाम के लिए चल रही परियोजनाओं का जायजा लेते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि इन परियोजनाओं में किसी भी अनावश्यक देरी से सख्ती से निपटा जाएगा। डिप्टी कमिश्नर द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं, ठोस अपशिष्ट का बायो माईनिंग, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ई-अपशिष्ट प्रबंधन, कम्पोस्ट गड्ढों का निर्माण, वर्षा जल संचयन प्रणाली, औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन, निर्माण अपशिष्ट प्रबंधन, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट। बूटे लगाने सहित वायु और जल प्रदूषण की स्थिति में सुधारने के लिए तैयार परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई ।

उन्होंने जल उपचार और ध्वनि प्रदूषण से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की और सभी नगर परिषदों और नगर निगम जालंधर को घर-घर संग्रह और सोरस सैगरीगेशन के माध्यम से ठोस अपशिष्ट निपटारे को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। बैठक में अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर वरिंदरपाल सिंह बाजवा और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर जसबीर सिंह, एसडीएम विकास हीरा, बलबीर राज सिंह, ऋषभ बंसल और अमन पाल सिंह, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर संदीप कुमार, भूमि और जल, संरक्षण अधिकारी लुपिंदर कुमार और मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसवन्त राय आदि भी उपस्थित थे।

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