अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मंत्री व भाजपा वशिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से भारत के रेल मंत्रालय की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को रेल यात्रा में किराए में मिलने वाली रियायत समाप्त कर दी गई। मैं नहीं जानती कि यह क्यों किया गया। अगर रेल मंत्रालय को आर्थिक साधनों का अभाव है तो सैकड़ों हजारों वर्तमान एवं भूतपूर्व सांसदों को पूरे जीवन के लिए दो लोगों को यात्रा करने में किराए की सौ प्रतिशत छूट क्यों दी जा रही है?
वर्तमान और पूर्व सांसद गरीब नहीं। मेरी जानकारी के अनुसार तो चार सौ से अधिक वर्तमान सांसद करोड़ों रुपयों की संपत्ति के स्वामी और उनका वेतन तथा भत्ते भी लाखों में हैं। अगर उन्हें रेल किराए में सौ प्रतिशत छूट है तो फिर वरिष्ठ नागरिकों को जो किराए में रियायत वर्षों से दी जा रही थी वह क्यों बंद कर दी गई? वैसे जरा विभाग से जानकारी लीजिए कि जो नियम है अधिक आयु के यात्रियों को आरामदायक सीट देने का किसी भी क्लास में उसका कितना पालन हो रहा है। भारत सरकार को भारत के सीनियर सिटीजन अर्थात अधिक आयु के नागरिकों को किराए में जो छूट दी जा रही थी उसे पुनर्बहाल करें। सीनियर सिटीजन नाम तो आदर का दे दिया, पर उनके लिए रेल यात्रा में न कोई छूट, न सुविधा।
होना तो यह चाहिए कि जो सीनियर सिटीजन हैं उनकी जो थोड़ी बहुत पेंशन या ब्याज आदि से आमदनी है उस पर इनकम टैक्स भी न ली जाए, पर कोई लाभ देने के स्थान पर रेल किराए में दी गई आंशिक छूट भी खत्म कर दी गई, यह उचित नहीं। कृपया पुरानी सुविधा बहाल करें। क्या यह सच है कि सीट आरक्षण के बाद अगर कोई व्यक्ति किसी भी कारण यात्रा नहीं कर पाता तो उसकी पूरी राशि रेलवे ही जब्त कर लेती है, कुछ भी वापस नहीं मिलता। अगर ऐसा है तो यह अन्याय है।