खुद को जाने बिना हम भगवान को नहीं जान सकते: स्वामी शुकप्रिय दास

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    होशियारपुर, 17 अगस्त (संदीप डोगरा): इस्कॉन फेस्टिबल कमेटी की तरफ से डेरा बाबाचरण शाह बहादुरपुर में करवाए जा रहे सैमीनार का दूसरा अधिवेशन रविवार देर सायं आयोजित किया गया। इस मौके पर डा. राकेश सिंगला, डा. अजय बग्गा, संजीव तलवाड़ एवं पार्षद नीति र्तवाड़,  विशेष तौर से उसस्थित हुए। सैमीनार दौरान स्वामी शुकप्रिय दास ने कहा कि ईश्वर में विश्वास एक कोटि आस्था नहीं बल्कि साध्य वैज्ञानिक वास्तविक भी है।  उन्होंने कहा कि भौतिक मनुष्य की प्रवृत्ति और धोखा देने की प्रवृति के कारण ईश्वर पर शोध नहीं कर सकता और न ही वर्तमान शिक्षा प्रणाली के द्वारा प्रत्यक्ष व अनुामन से ग्रहित ज्ञान से ईश्वर को समझाा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान के लिए हमें वेदों का सहारा लेना चाहिए। क्योंकि वदों की तुलना कल्पबृक्ष से की गई है। क्योंकि उसमें मनुष्य के लिए सारी बाते बताई गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदों का ज्ञान सृष्टि के प्रारंभ से ही परंपरा द्वारा चला आ रहा है। किन्तु इसमें निहित सत्यों का कभी संशोधन नहीं किया गया। इसलिए हम वेदों पर विश्वास कर सकते हैं। अत: यदि कोई वास्तव में भगवान को जानना है तो उसे परंपरा में आने वाले गुरु के पास विनीत भाव से जाना चाहिए। इस प्रकार प्राप्त ज्ञान से हम अपना शारीरिक, वौद्धिक और आत्मिक विकास कर सकते हैं। इसके साथ ही जब तक हम खुद नहीं जानेंगे तब तक हम ईश्वर को नहीं जान सकते। सैमीनार के समापन पर राज्य सभा सांसद अविनाश राय खन्ना ने विशेष तौर से पहुंच कर उपस्थिति को सैमीनार में सिखाई जाने वाली बातों को जीवन में धारण करने की बात कही। इस अवसर पर जगत पुरुष दास, राजीव रणा, राजन शर्मा, मनीष गुप्ता, अमित गुप्ता, अजय अग्रवाल, नवीन कुमरा, अमित गोयल, अश्विनी भट्टी, पवन मित्तल, अनिल धीर, रवि कांत शर्मा सहित बड़ी संख्या में  श्रद्धालु मौजूद थे।

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