हमीरपुर (द स्टैलर न्यूज़), रजनीश शर्मा । करीब तीन सप्ताह से नलों में पानी के दर्शन के लिए तरस रहे टौणी देवी क्षेत्र के दर्जनों गांवों के बाशिंदों का अब सब्र का बांध टूटने लगा है। हालात अब ऐसे हो गए हैं कि स्टोर किया हुआ पेयजल भी समाप्ति के कगार पर है। ब्यास नदी में आई बाढ़ और गाद ने जाखू स्थित बमसन मेवा और बौडू स्कीम के अस्तव्यस्त होने से हजारों लोगों को पेयजल की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के नजदीकी गांवों दरकोटी, झोखर, बाहल, गवारडू, उहल, दरोगण, बारी, छतरैल, चाहड़, गब्बा, ककड़ियार आदि गांवों में पिछले करीब 22 दिन से भारी बरसात के चलते भूस्खलन और ल्हासे गिरने से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
लोगों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि लोगों को पीने के पानी के लिए प्राचीन जल स्रोतों पर निर्भर होना पड़ रहा है। चिंता का विषय यह है कि इन प्राचीन पेयजल स्रोतों कुओं, बावड़ियों और खातरियों की लंबे अरसे से सफाई और मरम्मत नहीं हो पाई है। इससे इनमें जमा पानी मटमैला और दूषित हो चुका है। ग्राम पंचायत बारी के प्रधान रविंद्र ठाकुर, टपरे पंचायत प्रधान दीवान चंद , प्रताप चंद, बलवंत सिंह चौहान , हरबंस, भूमि राज इत्यादि ने मांग की है कि पानी की सप्लाई शीघ्र बहाल कर लोगों को नलों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाया जाए।बॉक्स युद्ध स्तर पर काम जारी : एसडीओ
जल शक्ति विभाग सब डिवीजन उहल के अंतर्गत आती लगवालती, मेवा, बमसन स्कीम में बारिश की वजह से 450 एमएम पाइप लाइन बौडू खड्ड के पास ही क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके साथ ही उहल, गुवारडू झोखर आदि स्थानों पर इस लाइन को खासा नुकसान पहुंचा था। सब डिवीजन उहल में तैनात सहायक अभियंता राकेश कुमार ने उम्मीद जताई है कि टौणी देवी के नजदीकी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति रिस्टोर करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।