देश के विकास के लिए सामाजिक एकता की आवश्यकता: नरेश पंडित

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया: भाई बहन के प्यार का पवित्र त्योहार रक्षाबंधन बुधवार को विश्वास व प्रेम के साथ मनाया गया।एक तरफ बहनों ने भाइयों को राखी बांधी वहीं त्योहार की मूल भावना रक्षा का संकल्प को ध्यान में रखते हुए लोगों ने वृक्षों व समाज के कमजोर वर्ग व शहीदाें की प्रतिमाओं को भी रक्षासूत्र बांधे। वहीँ विश्व हिन्दू परिषद एवं बजरंग दल के पदाधिकारियों व सदस्यों ने रक्षाबंधन पर आपसी समरसता बढाने को लेकर दलित वर्ग के परिवारो में जाकर रक्षासूत्र बंधवाया और मुंह मीठा कराया। विश्व हिन्दू परिषद जालंधर विभाग के अधक्ष्य नरेश पंडित, बजरंग दल के जिला प्रभारी बावा पंडित, बजरंग दल के जिला उपप्रधान आनंद यादव, जिला उपप्रधान पवन शर्मा एवं बजरंग दल के शहरी उपप्रधान मोहित जस्सल आदि ने गौशाला में जाकर दलित वर्ग के परिवारो से रक्षासूत्र बंधवाकर संरक्षण करने का संकल्प लिया।

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नरेश पंडित ने कहा कि विविध संस्कृतियों के देश भारत में पर्वों की एक महान श्रृंखला चली आ रही है।पर्वों की उसी कड़ी में श्रावण शुक्ल मास की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है।इस पर्व का भारतीय समाज व संस्कृति में अत्यंत महत्व है। रक्षाबंधन के पर्व का अर्थ बहन द्वारा भाई के हाथों में राखी बंधवाना ही एकमात्र उददेश्य नहीं है अपितु रक्षाबंधन पर्व का महत्व वर्तमान राजनैतिक, सामाजिक परिस्थितियों में और भी अधिक बढ़ गया है। देश वर्तमान समय में चारो ओर से चुनौतियों से घिरता चला जा रहा है। नरेश पंडित ने कहा हम इस रक्षासूत्र के बहाने अपने देश व समाज को एकसूत्र में पिरेाकर रखने का भी संकल्प लेते है। रक्षाबंधन मेें राखी या रक्षासूत्र का विशेष महत्व है। यह राखी कच्चे सूत जैसी वस्तु से लेकर रंगीन कलाव, रेशमी धाग, सोने या चांदी जैसी महंगी वस्तु की भी हो सकती है।

राखी बांधने का प्रचलन समाज में व्यापक है। लगभग पूरे भारत में यह पर्व मनाया जाता है। नरेश पंडित ने कहा की विहिप भी दलित परिवारों के साथ रक्षाबंधन का पर्व धूमधाम उमंग व उत्साह के साथ मनाता है। नरेश पंडित ने कहा की विहिप एकमात्र ऐसा संगठन है जोकि सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए सभी दलित परिवारों को आपस में राखी बंधवाकर पर्व मनाता है और समाज की रक्षा का संकल्प लेता है। नरेश पंडित ने कहा कि देश के विकास के लिए सामाजिक एकता की आवश्यकता होती है और समाज में एकता के लिए आवश्यकता होती है। सामाजिक समता की ओर इसके लिए हम सभी को प्रयास करना होगा। सामाजिक समरसता के लिए समाज में जागरूकता लाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र हित में समरसता के लिए क्या कार्य करना है उसका निर्धारण होना भी जरुरी है। जिन कर्मचारियों के माध्यम से हम स्वस्थ और स्वच्छ है तो हमारी भी जिम्मेदारी है की उनके प्रति हम भी कृतघ्नता का भाव रखे।

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