भगवान श्रीकृष्ण ने निष्काम कर्म अर्थात फल की इच्छा किए बिना कर्म करने का संदेश दिया है: नरेश पंडित 

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया। कर्म योग के महा नायक भगवान श्री कृष्ण के पावन प्राकट्य दिवस माह भाद्रपद के कृष्ण पक्ष अष्टमी पर विहिप के वरिष्ठ ने व् बजरंग दल के पूर्व पंजाब प्रधान नरेश पंडित ने भगवान को महाअवतारी बताया है। इस अवसर पर नरेश पंडित ने बजरंग दल कार्यकर्ताओ सहित मंदिर रानी साहिबा में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया और भगवान से आग्रह निवेदन कर समाज में एकता आपसी भाईचारा बना रहे की प्राथना की। नरेश पंडित ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को बेहद पवित्र दिन बताया है। नरेश पंडित ने कहा कि आज का दिन हम सबके लिए बेहद पवित्र दिन है। धर्म की स्थापना के लिए करीब पांच हजार पहले भगवान ने स्वयं अवतरित होकर हम सबको कृतार्थ किया था। नरेश पंडित सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस तरह से शहर के लोग हर त्योहार धूमधाम से मनाते है, यह अपने आम में एक मिसाल है।

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हमारे त्योहार ही हमारी धार्मिक सांस्कृतिक धरोहर है और इन्हें हम सभी को समेटकर रखना है। उन्होंने बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु श्री कृष्ण ने जनकल्याण के लिए द्वापर युग में अवतार लिया। प्रभु जब कई कार्य एक साथ करते हैं तो वह लीला कहलाती है।प्रभु द्वारा की गई प्रत्येक लीला में आध्यात्मिक रहस्य छिपे होते हैं लेकिन समय के गर्त में वह धूमिल हो जाते हैं। इस कारण मनुष्य सत्य के मार्ग से भटक जाता है। समय-समय पर संत महापुरूष इन रहस्यों को उजागर करते हैं। प्रभु जब-जब इस धरती पर आकर लीला करते हैं साधारण मानव उन लीलाओं को समझ नहीं पाते। प्रभु को तत्व से जाने के बाद ही लीलाओं का समझा जा सकता है। भगवान श्री कृष्ण ने मैया यशोदा को ब्रह्मांड के दर्शन करवाए हैं।ज्ञान के द्वारा ही इस भेद को जाना जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का धरा पर अवतरण धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना के लिए हुआ था।

श्रीकृष्ण का जन्म अधर्म, अन्याय व अत्याचार समाप्त करने की प्रेरणा देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से ज्ञान, कर्म एवं भक्ति योग का जो संदेश दिया, उसकी प्रासंगिकता शाश्वत है। उन्होंने कहा की धर्म स्थापना, लोक-संरक्षण, शांति व सामूहिकता के प्रति अखिल विश्व-चेतना का पथ-प्रदर्शित करने वाले, यशोदानंदन, भुवन मोहन कन्हैया चराचर जगत का कल्याण करें, यही कामना है। श्रद्धा, आस्था और विश्वास से परिपूर्ण श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व का मानव जीवन में युगों-युगों से विशेष महत्व रहा है। भगवान श्रीकृष्ण ने निष्काम कर्म अर्थात फल की इच्छा किए बिना कर्म करने का संदेश दिया है, जो भी हमारे जीवन में प्रासंगिक है।

यह पर्व देश और समाज में सौहार्द, भाईचारे एवं एकता को और मजबूती प्रदान करेगा। इस अवसर पर बजरंग दल के जिला प्रभारी बावा पंडित, जिला उपप्रधान आनंद यादव, अनुराग, अनिल वालिया, डा.वजिंदर वधवा आदि उपस्थित थे। मनन ने कहा कि सनातन धर्म का जहां तक सवाल है, इसे केवल धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता। उन्होंने कहा सनातन धर्म यह सनातन सदैव नूतन है, चिर पुरातन है ना इसका कोई जन्म है ना कोई अंत है और यह सनातन धर्म ऐसा है जो पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। उन्होंने कहा कि इन लोगों द्वारा वोट बैंक की और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिये बार बार सनातन धर्म अपमान किया जा रहा। हमारी संस्कृति, हमारे इतिहास और सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं किता जावेगा।

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