होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सीनियर रिटायर्ड पंजाब मैडीकल सर्विसज (पी.सी.एम.एस.) एसोसिएशन ने पंजाब सरकार के उस फैसले की निंदा की है जिसके अधीन आम मौजूदा तथा पूर्व सरकारी मुलाजिमों को छोडक़र सिर्फ पंजाब के मौजूदा/पूर्व मंत्रियों तथा विधानकारों को दोगुणा मैडीकल अलाउंस देने का फैसला किया गया है। आज यहां जारी एक बयान में एसोसिएशन के कनवीनर डा. कौशल सिंह सैनी तथा डा. अजय बग्गा पूर्व सिविल सर्जन ने कहा कि पहले सभी सरकारी मुलाजिमों की तरफ वी.आई.पी. को मैडीकल ईलाज प्राइवेट अस्पताल से करवाने पर वही पैसे रीइमबर्समैंट में मिलते थे जो कि पी.जी.आई. चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली में से ईलाज करवाए जाने पर खर्च हों।
उन्होंने कहा कि परन्तु पंजाब सरकार ने अब इलाके के 30 से अधिक प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों के साथ इकरार किया है जिसके अधीन वी.आई.पी. इन अस्पतालों में ईलाज करवाएं तो उन्हें सैंटर गवर्नमैंट हैल्थ योजना के तहत पी.जी.आई. तथा एम्स से दोगुणा खर्च प्राइवेट अम्पैनलल्ड अस्पताल को दिया जाता है। परन्तु यह लाभ मौजूदा एवं पूर्व सरकारी कर्मियों को नहीं मिल रहा।
एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि वी.आई.पी. लोगों को ईलाज के लिए विशेष सहूलतें देने के लिए पिछली अकाली-भाजपा सरकार ने पहल की थी तथा मौजूदा कांग्रेस सरकार ने इसको स्वीकृति दी है जबकि सरकार का कहना है कि सरकार का ख्जाना खाली है।
डा. बग्गा तथा डा. सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर सिंह तथा स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्ममहिंद्रा को निवेदन किया है कि वी.आई.पी. लोगों को ईलाज करवाने के लिए जो अस्पताल एम्पैनल्ड किए गए हैं, वहां पर आम मौजूदा एवं पूर्व सरकारी कर्मियों को भी ईलाज करवाने की सहूलत दी जाए।
एसोसिएशन के वक्ताओं ने कहा कि पांच साल विधानसभा का सदस्य रहने पर वी.आई.पी. सरकारी खर्च पर ईलाज करवाने के हकदार हो जाते हैं, जबकि सरकारी मुलाजिम को यह लाभ लेने के लिए कम से कम 20 साल की सेवा करनी पड़ती है।