चंडीगढ़ / पंजाब,(द स्टैलर न्यूज़): ट्राइडेंट ग्रुप, ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए उद्योग जगत में पहली बार ‘चेयरमैन गोल्डन हार्ट क्लब’ के नाम से एक नई पहल शुरू की है जो कि पहले खुशी और फिर खुशहाली फिलॉसफी पर आधारित है। ट्राइडेंट ग्रुप, देश के सबसे बड़े टेक्सटाइल (यार्न, बाथ और बेड लिनन), कागज (व्हीट स्ट्रा बेस्ड) व रासायन निर्माता अग्रणी कंपनियों में एक कंपनी है।
पहले खुशी और फिर खुशहाली फिलासफी के तहत कंपनी ने ऐसे 15 बुनियादी सिद्धांत परिभाषित किए हैं जो कि तनाव-मुक्त कार्य और जीवन, त्वरित शिकायत समाधान प्रणाली, महिला सशक्तिकरण, नॉलेज ट्रांसफारमेशन, उल्लेखनीय कार्य करने वालों का सम्मान, के साथ इनोवेशन, संपूर्ण स्वस्थता के माध्यम से समाज के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का समर्थन करते हैं। उद्योग जगत की यह अपनी तरह की अनूठी पहल है जिसका फोकस कंपनी करियर कल्याण से लेकर सामाजिक, शारीरिक, सामुदायिक और वित्तीय कल्याण पर प्रभाव डालते हुए प्रत्येक सदस्य के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने पर है।
इस मौके पर ट्राइडेंट ग्रुप इंडिया के चेयरमैन एमेरिटस राजिंदर गुप्ता ने कहा कि “हमने हमेशा अपने सदस्यों को सर्वोत्तम संसाधनों, उन्नत प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और कौशल विकास संसाधन के साथ सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करते है। ट्राइडेंट ग्रुप को कर्मचारियों के कार्य प्रदर्शन के लिए एक बेहतरीन जगह बनाने की इस यात्रा में, यह पहल हमारे समर्पित प्रयासों का प्रमाण है जिसके तहत हम एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में विश्वास के साथ काम कर रहे हैं जहां संगठन के साथ-साथ सदस्यों का भी पेशेवर और व्यक्तिगत तौर पर विकास होगा। हमें विश्वास है कि इस पहल से निश्चित रूप से हमारे सदस्यों को मदद मिलेगी और वे ट्राइडेंट को ‘दुनिया भर में सबसे पसंदीदा ब्रांड बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का प्रयास करेंगे।
जब कर्मचारियों की आकांक्षाओं और कंपनी के संगठनात्मक दृष्टि में आपसी तालमेल बिठाने की बात आती है तो कंपनी हमेशा सबसे आगे रही है। कर्मचारी के लिए एक अद्वितीय कार्यस्थल का वातावरण बनाने के लिए डिजाइन किए गए इस क्लब का उद्देश्य नवाचार, सहयोग और कल्याण के जरिए ट्राइडेंट परिवार के सदस्यों को सशक्त बनाने का है। ट्राइडेंट को काम के लिए एक महान स्थान बनाने के उद्देश्य से क्लब के सदस्य विभिन्न पहलों को खुद ही डिजाइन व कार्यान्वित करते हैं और ताकि वास्तविक और स्थायी अंतर लाने के लिए जमीनी स्तर पर उनका परिणाम दिया जा सके ।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, ट्राइडेंट ग्रुप की सीएचआरओ पूजा बी लूथरा, ने कहा, “द चेयरमैन गोल्डन हार्ट क्लब हमारे दिलों के बहुत करीब है। यह हमारे ट्राइडेंट परिवार के लिए न केवल हमारे सदस्यों के लिए बल्कि विस्तारित समुदाय में निवेश करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता की गवाही देता है ‘पहले खुशी, फिर खुशहाली‘, फिलॉसफी के तहत 15 बुनियादी सिद्धांतों की दिशा में काम करते हुए हम विश्वास करते हैं की हम ऐसी संस्कृति विकसित करने में सफल होंगे जहां एक साथ मिलकर एक अद्वितीय कार्यस्थल अनुभव का निर्माण किए जाए और जो हमारे लोगों को सशक्त बनाएगा।
मूल रूप से 250 स्वयं सेवकों की एक टीम वाले इस क्लब का अब विस्तार हो चुका है और इसके 700 समर्पित सदस्य, बन गए हैं जिससे इसका दायरा और प्रभाव व्यापक हो गया। “सरबत दा भला” जिसका अर्थ है ‘सभी के लिए अच्छा’, की हमारी व्यापक प्रतिबद्धता के तहत गोल्डन हार्ट क्लब कल्याण, निष्पक्षता और न्याय की भावना पर काम करते हुए निरंतर कर्मचारियों के प्रति अपने अटूट संकल्प पर गर्व करता है। ‘पंचसभा‘ जैसी खुले संवाद की पहल की गई है जो कि एक त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली है। हर एक कर्मचारी के लिए सब्सिडी पर दिए जाने वाले पौष्टिक भोजन से उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने में मदद मिलती है जो उस संगठन को अपना सब कुछ दे देते हैं जिससे वे प्यार करते हैं। अच्छे और कठिन समय के माध्यम से रिश्ते मजबूत होते हैं उस विचार को ध्यान में रखते हुए, जन्मदिन और किसी के निकट संबंधियों के बिछड़ने पर ट्राइडेंट परिवार के सभी सदस्यों के लिए छुट्टियों का भी प्रावधान किया गया है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में -सच्ची विविधता और समावेशिता सुनिश्चित करने की कंपनी की प्रतिबद्धता एक और ऐतिहासिक कदम ‘अस्मिता‘ योजना में अच्छी तरह से परिलक्षित होती है। ‘अस्मिता’ के तहत जहां महिला कर्मचारियों को कंपनी की तरफ से विशेष लाभ प्रदान किए जाते हैं वहीं प्रति वर्ष 30 दिन की विशेष छुट्टियाँ, के साथ मासिक धर्म के लिए छुट्टियाँ आदि दी जाती हैं ताकि उनके पास अपने सामाजिक कार्यों को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय है और वे काम और करियर से समझौता किए बिना पारिवारिक प्रतिबद्धताओं को निभा सकें।
कंपनी ने अपने सभी लोगों के लिए एक विशेष लॉयल्टी इंसेंटिव भी लॉन्च किया है इसके तहत प्रत्येक कर्मचारी को सेवा का वर्ष पूरा होने पर वेतन का 10 प्रतिशत तक बोनस के रूप में दिया जाता है। यह तो केवल शुरुआत है। यह संगठन जो परिवर्तन के एक सुपरिभाषित पथ पर है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कर्मचारी न केवल अपने मौजूदा सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी बल्कि वे अपनी समाज में जिम्मेदारी भी पूरी तरह से निभाएं। “हस्तकला” की छत्रछाया में विभिन्न पहल जैसे मुफ्त सिलाई केंद्र, निःशुल्क चिकित्सा शिविर आदि नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं ताकि वे सच्चे राष्ट्र निर्माण के लिए अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर सकें।