दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा प्राचीन शिव मंदिर में नौ दिवसीय श्री राम कथा का किया आयोजन  

कपूरथला (द स्टैलर न्यूज़), गौरव मढ़िया। आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी सौम्या भारती जी ने कथा के तृतीय दिवस में कथा प्रसंग का व्याख्यान करते हुए कहा के भारतीय संस्कृति में श्री राम कथा का विशिष्ट स्थान है। अतः अनादि काल से मनीषियों , कवियों, महाकवियों ने उन्हें अपनी वाणी का विषय बना कर धन्य किया है। भगवान श्री राम का व्यक्तित्व एक तेजोमय प्रकाश स्तंभ के समान है। भगवान श्री राम जी जो चराचर में व्याप्त है, कि उनकी महिमा में अनेकों ग्रंथों की रचना हुई। जिनमें भावार्थ रामायण, वशिष्ठ रामायण न केवल इतना वरन, भारत की कई प्रदेशक भाषाओं में जैसे रंगानाथरामायण तेलगु भाषा में, कृतवास रामायण बंगाली भाषा में इत्यादि।

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साध्वी जी ने प्रभु के अवतरण के संबंध में बताते हुए कहा के प्रभु श्री राम जगपालक और सृष्टि के नियामक तत्व है, जो साकार रूप धारण कर अयोध्या में अवतरित हुए। निराकार परमात्मा धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करता है।  प्रभु श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ। साध्वी जी ने बताया के यह अयोध्या मानव तन का प्रतीक है जिस में राम रूपी ईश्वर का वास है। जिसमे प्रभु का दर्शन संभव है, उन्होंने कहा के ईश्वर का अपने अंत: करण में दर्शन किए बिना मोक्ष की प्राप्ति नही हो सकती।

उन्होंने बताया, कि माता कौशल्या ने घट के भीतर ही प्रभु के चतुर्भुज रूप के दर्शन किए थे। साध्वी जी ने आगे कहा, कि सभी मानव अपने घाट के भीतर प्रभु का साक्षात्कार सदगुरु की कृपा से कर सकते है। कथा में साध्वी जगदीश भारती जी, साध्वी शुभानंद भारती जी, साध्वी सतिंदर भारती जी ने अपने सुमधुर कंठ के द्वारा भजनों का गायन किया। संस्थान की प्रमुख प्रचारिका साध्वी संदीप भारती जी ने आगामी दिनों में भी भक्तों को कथा में आने का निमंत्रण दिया। प्रभु की पावन आरती में मुख्य अतिथि राज बहादुर जी लाइन क्लब के प्रधान , राजेश खिंदरिया जी मंदिर कमेटी प्रधान और इनके साथ अनेकों गणमान्य अथिति शामिल हुए। अंत में सभी के लिए लंगर का प्रबंध भी किया गया।

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