विजीलैंस ने एसबीएस नगर की अनाज मंडियों में लेबर और ट्रांसपोर्टेशन टैंडर घोटाले से संबंधित एक और आरोपी काबू

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)।
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने एस. बी. एस. नगर ज़िले की दाना मंडियों में लेबर कारटेज और ढुलाई के टैंडरों में धोखाधड़ी करने वालों में शामिल एक और भगौड़े मुलजिम यशपाल निवासी गाँव उधनवाल, ज़िला एस. बी. एस. नगर को गिरफ़्तार किया है जो ख़ाद्य और सिविल सप्लाई विभाग और खरीद एजेंसियों सहित अन्य ठेकेदारों और सम्बन्धित अधिकारियों/ कर्मचारियों की मिलीभुगत के साथ लेबर कारटेज और ढुलाई के टैंडरों में घपला करने में वांछित था। इस सम्बन्ध में पूर्व ख़ाद्य और सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशु, उनके निजी सहायक पंकज कुमार उर्फ मीनू मल्होत्रा, डिप्टी डायरैक्टर आर. के. सिंगला, डीएफएससी राकेश भास्कर के इलावा इस धोखाधड़ी और गबन के द्वारा सरकारी खजाने को सेंध लगाने वाले तीन ठेकेदारों तेलू राम, यशपाल और अजयपाल के खि़लाफ़ पहले ही केस दर्ज है। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने एस. बी. एस. नगर की अनाज मंडियों में हुए इस घोटाले की जांच करने के उपरांत उक्त दोषियों के खि़लाफ़ धारा 420, 409, 467 और 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धाराओं 7, 8, 12, 13(2) के अंतर्गत थाना विजीलैंस, जालंधर में 22- 09- 22 को मुकदमा नंबर 18 दर्ज किया था।

 इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये प्रवक्ता ने बताया कि साल 2020- 2021 में गेहूं/धान/ स्टाक सम्बन्धी अनाज मंडियों में लेबर कारटेज और ढुलाई के टैंडरों के दौरान आर. एस. को-आपरेटिव लेबर एंड कंस्ट्रक्शन सोसायटी के प्रोप्राईटर हनी कुमार ने नवांशहर और राहों कलस्टरों के लिए टैंडर जमा करवाए थे, और एक अन्य संस्था पी. जी. गोदाम ने नवांशहर के लिए प्राथमिक टैंडर दरों पर ही टैंडर भरे थे, जो विभाग द्वारा बिना किसी ठोस आधार/ कारण के रद्द कर दिए गए परन्तु नवांशहर कलस्टर के लिए ठेकेदार तेलू राम को 71 प्रतिशत और राहों क्लस्टर के लिए 72 प्रतिशत अधिक रेटों पर टैंडर अलाट कर दिए गए थे। प्रवक्ता ने बताया कि बाद में साल 2022-23 के लिए टैंडर माँगे गए और उक्त हनी कुमार ने अपनी उपरोक्त फर्मों से राहों कलस्टर और नवांशहर कलस्टर में लेबर के कामों के लिए प्राथमिक दरों पर दोबारा टैंडर जमा करवाए, परन्तु ज़िला टैंडर अलाटमैंट समिति ने उसके टैंडरों को रद्द कर दिया और नवांशहर कलस्टर के कामों के लिए ठेकेदार अजयपाल को लेबर टैंडर 73 प्रतिशत और राहों क्लस्टर में 72 प्रतिशत अधिक रेटों पर अलाट कर दिए। प्रवक्ता ने आगे बताया कि ठेकेदार तेलू राम और यशपाल ने साल 2020-21 के टैंडर भरते समय और ठेकेदार अजयपाल ने साल 2020- 21 और 2022- 23 के दौरान माल की ढुलाई सम्बन्धी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों सम्बन्धी जो आनलाइन सूचियां संलग्ल की थीं, वह सम्बन्धित ज़िला ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी द्वारा तस्दीक की गई थीं। परन्तु जांच के दौरान पाया गया कि ठेकेदारों द्वारा दी गई इन सूचियों में बड़ी संख्या में स्कूटर, मोटरसाईकल, कारों, पिकअप्प, ट्रैक्टर ट्राले, क्लोज बॉडी ट्रक, एल. पी. जी. टैंकर और हारवैस्टर आदि वाहनों का ज़िक्र है, जबकि ऐसे वाहनों पर अनाज ढोया नहीं जा सकता।

जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि गेट पासों में दिखाऐ गए जाली वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबरों के साथ-साथ इन गेट पासों में दर्शाये गए अनाज की मात्रा सम्बन्धित विवरण भी जाली हैं, जिनके द्वारा फ़र्ज़ी रिपोर्टिंग और गबन करने का शक है। उन्होंने कहा कि विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों/ कर्मचारियों ने उक्त ठेकेदारों को इन जाली गेट पासों की तस्दीक किये बिना किये हुए काम के लिए पैसे भी दे दिए थे। प्रवक्ता ने आगे बताया कि इसके इलावा टैंडर प्रक्रिया के दौरान उक्त ठेकेदारों द्वारा मुहैया करवाई गई लेबर के आधार कार्डों की फोटो कापियों की जांच करने पर पता लगा कि इनमें से कई आधार कार्ड नाबालिग मज़दूरों के हैं, कई आधार कार्डों 60 साल से बडी उम्र के बुज़ुर्गों के हैं और बहुत से आधार कार्ड पढ़न योग्य ही नहीं हैं। तथ्यों के अनुसार ज़िला टैंडर समिति को सम्बन्धित ठेकेदारों की यह तकनीकी बोली रद्द करनी चाहिए थी, परन्तु उनकी तरफ से नहीं की गई। इस तरह ख़ाद्य और सिविल सप्लाई विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों/ कर्मचारियों और सम्बन्धित खरीद एजेंसियों ने आपसी मिलीभुगत के साथ लेबर कारटेज और ट्रांसपोर्ट टैंडरों में यह धोखाधड़ी की है। इसी जाँच के आधार पर उक्त दोषियों के खि़लाफ़ यह केस दर्ज किया गया है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस मामले में अब तक चार मुलजिमों भारत भूषण आशु, मीनू मल्होत्रा, तेलू राम और यशपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया है और बाकी भगौड़े मुलजिमों को भी जल्द गिरफ़्तार कर लिया जायेगा। ज़िक्रयोग्य है कि मुलजिम डीएफएससी राकेश भास्कर का पहले ही देहांत हो गया है। विजीलैंस ब्यूरो की तरफ से डिप्टी डायरैक्टर आर. के सिंगला को भगौड़ा घोषित करने के लिए समर्थ अदालत में कार्यवाही शुरू कर दी गई है। 

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