-पुलिस ने पहले कहा, जो लिस्ट दादूवाल ने दी है उसमें उनका नाम नहीं तो बाद में कहा ऊपर से हुक्म है मिलने नहीं दे सकते-
होशियारपुर। सरबत खालसा द्वारा तख्त श्री दमदमा साहिब के बनाए गए जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल से मुलाकात करने के लिए आज हरियाणा सिक्ख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जगदीश सिंह झींडा होशियारपुर जिला जेल में पहुंचे। परंतु उन्हें जत्थेदार दादूवाल से मिलने नहीं दिया गया। काफी देर इंतजार करने के बाद उन्हें बगैर मुलाकात किए लौटना पड़ा। सुबह करीब 9.30 बजे के करीब झींडा होशियारपुर जेल परिसर के बाहर पहुंच गए और उन्होंने मुलाकात करने के संबंध में जेल प्रशासन को कहा। पहले तो प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया, परंतु बाद में उन्हें यह कह कर अंदर नहीं जाने दिया कि जो लिस्ट जत्थेदार दादूवाल ने मुलाकातियों की दी है उसमें उनका नाम ही नहीं है। जब झींडा ने जत्थेदार दादूवाल से बात करवाने के लिए कहा तो उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया है कि ऊपर से हुकम है कि केवल परिवार वालों को ही मिलने दिया जाए और झींडा को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। इस संबंध में झींडा ने बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से इस संबंधी बात की है और उन्होंने इसकी एक शिकायत फोन पर गृह मंत्रालय को भी कर दी है।
अकाली दल (मान) के वर्करों ने डीसी को सौंपा ज्ञापन
सरबत खालसा द्वारा बनाए गए तख्त साहिबानों के जत्थेदारों को गिरफ्तार करने, देशद्रोह के मामले दर्ज करने और अब उनके समर्थकों को उनके साथ मुलाकात न करने देने के विरोध में आज शिरोमणि अकाली दल (मान) के वर्करों ने अन्य सिक्ख जत्थेबंदियों के साथ मिलकर भारत के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नाम जिलाधीश होशियारपुर अनिंदिता मित्रा को ज्ञापन सौंपा। इस मौके समूह सिक्ख जत्थेबंदियों के वर्करों ने बताया कि पंजाब सरकार व केंद्र सरकार द्वारा सिक्ख कौम के धार्मिक मसलों में लगातार दखल अंदाजी करके सरबत खालसा द्वारा बनाए गए तख्तों के जत्थेदार साहिबानों व कौम पंथक नेताओं पर झूठे देशद्रोह के केस दर्ज किए गए हैं। मौजूदा पंजाब सरकार द्वारा किए गए इस कार्य से सिक्ख कौम को ठेस पहुंची है व उसमें रोष है। पंजाब में लगातार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हो रही है, हमेशा मानवता का कल्याण मांगने वाली सिक्ख कौम को ठेस पहुंच रही है और अकाली दल बादल के प्रतिनिधि अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं, जिसे कौम कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उल्टा जब सिक्ख संगतें शांतमयी ढंग से रोष प्रदर्शन कर रही थीं तो उन पर पंजाब पुलिस द्वारा सरकार के इशारे पर गोलियां चलाने व अभी तक बेअदवी करने वालों को गिरफ्तार न करने से भी सिक्ख कौम में रोष है। उन्होंने इस ज्ञापन में राष्ट्रपति से मांग की है कि वह सीधे तौर पर दखलअंदाजी करके सिक्ख कौम के धार्मिक मामलों व मानवता के हक्कों की रक्षा करें। ताकि पंजाब में अमन व शांति कायम हो सके व सिक्खों पर हो रहे अत्याचार पर अंकुश लगाया जा सके। इस मौके गुरनाम सिंह सिंगड़ीवाल, शीतल सिंह, गुरमीत सिंह, जसवीर सिंह चौलांग, सरवजीत सिंह, कुलविंदर सिंह, जसविंदर सिंह अमरजोत सिंह, अवतार सिंह, प्रीतम सिंह खालसा, गुरदीप सिंह खुनखुन, गुरनाम सिंह सिक्ख यूथ ऑफ पंजाब, शरणजीत सिंह, दीलावर सिंह सिंह, रजिंदर सिंह पंडोरी अटवाल, जोगिंदर सिंह, गुरदीप सिंह गढ़दीवाला, जत्थेदार गुरवतन सिंह मुकेरियां, स. जोगिंदर सिंह सर्कल प्रधान गढ़दीवाला, स. हरजिंदर सिंह पंडोरी अटवाल, बलविंदर सिंह ग्रेवाल, कुलदीप सिंह, रघुवीर सिंह, तारा सिंह, शीतल सिंह, गुरमीत सिंह, जत्थेदार केवल सिंह मूनक, जत्थेदार जसविंदर सिंह निहंग सिंह, स. गुरनाम सिंह, स. करनैल सिंह लवली, स. शनदीप सिंह, स. दलजीत सिंह खालसा (शिरोमणि अकाली दल अमृतसर) मौजूद रहे।
जेल के बाहर की सरकार के खिलाफ नारेबाजी
जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने के बाद मान दल और अन्य सिक्ख जत्थेबंदियों के वर्करों ने जेल प्रशासन से जत्थेदार दादूवाल से मुलाकात करवाने के लिए कहा, परंतु जेल प्रशासन ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। जिस पर वह भडक़ गए व उन्होंने जेल प्रशासन और पंजाब सरकार की धक्केशाही, बादलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मौके पर डीएसपी सिटी पुलिस पार्टी के साथ पहुंच गए व उन्होंने मामला शांत करने के लिए उक्त प्रदर्शनकारियों से बात की। काफी देर बातचीत करने के बाद यह हल निकाला गया कि वह पांच लोगों के नाम देंगे जो जत्थेदार दादूवाल से मिल सकते हैं जिन्हें अगले हुकमों तक रुकना होगा।