मरणोपरांत शरीर में 6 से 8 घंटे तक जीवित रहती है आँखे: संजीव अरोड़ा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। रोटरी आई बैंक एंड कार्निया ट्रांसप्लांटेशन सोसायटी द्वारा शुरु की गई नेत्रदान मुहिम को जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है तथा अब लोग यह चाहने लगे है कि संसार छोड़कर जाने वाले उनके अपनों की आँखें उनके जाने के बाद भी देख सके। इसी कड़ी के तहत गढ़दीवाला निवासी गुरनाम सिंह (76) के निधन उपरांत उनके नेत्र सोसायटी को भेंट किए गए। इस सबंधी सूचना मिलने पर प्रधान व प्रमुख समाजसेवी संजीव अरोड़ा की अगुवाई में स्वर्गीय गुरनाम सिंह के घर पहुंचे। इस दौरान संकारा आई अस्पताल लुधियाना से डॉ. मिल्ली अरोड़ा उनकी सहायक सुखविंदर कौर व सुखविंदर पाल सिंह ने नेत्रदान लेने की प्रकिया पूरी की।

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इस अवसर पर श्री अरोड़ा ने बताया कि स्वर्गीय गुरनाम सिंह ने निधन उपरांत उनकी इच्छा अनुसार उनके परिवारिक सदस्यों ने जो पहल की है, वह प्ररेणास्त्रोत है। उन्होनें कहा कि मरणोपरांत हमारी आँखे ही है, जो 6 घंटे से 8 घंटे तक जीवित रहती है। अगर इन्हें समय पर निकालकर किसी दूसरे को लगा दिया जाए, तो कार्निया ब्लाइंडनैंस सें पीड़ित फिर से संसार देखने के काबिल बन जाते हैं। श्री अरोड़ा ने नेत्रदान के लिए परिवार का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर सोसायटी के चेयरमैन श्री जेबी बैहल ने कहा कि रोटरी आई बैंक की टीम जनता के सहयोग से कार्निया ब्लाइंडनैंस को दूर करने के लिए प्रयासरत है तथा यह प्रयास तभी सफल होंगे जब जनता नेत्रदान प्रणपत्र भरने हेतू ओर भी जागरुकता से आगे आएगी। श्री बैहल ने कहा कि स्वर्गीय गुरनाम सिंह ने नेत्र दो जिंदगियों को रोशन करेंगे और इन्हें डालने के लिए जल्द ही आपरेशन करवा दिए जाएगे ताकि जो लोग अंधेरी जिंदगी जी रहे है उनको रोशनी प्रदान की जा सके। इस अवसर पर कुलदीप सिंह व परिवारिक सदस्य मौजूद थे।

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