नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। इसरो आज फिरफिरपि पिफिर से इतिहास रचने वाला है। इसरो आज शाम 5.35 बजे मौसम उपग्रह INSAT-3DS लॉन्च करेगा। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। लाचिंग की उल्टी गिनती शुक्रवार को शुरू हो गई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इनसैट-3 डीएस उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित किए जाने वाले तीसरी पीढ़ी के मौसम विज्ञान उपग्रह का अनुवर्ती मिशन है, और यह पूरी तरह से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है। इसरो ने कहा कि GSLV-F14/INSAT-3DS मिशन: 27.5 घंटे का 17 फरवरी, 2024 को 17.35 बजे लॉन्च के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। 1 जनवरी को PSLV-C58/ExpoSat मिशन के सफल प्रक्षेपण के बाद 2024 में यह इसरो का दूसरा मिशन है।
इस श्रृंखला का अंतिम उपग्रह, INSAT-3DR, 8 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था। इस उपग्रह का वजन 2,274 किलोग्राम है। उपग्रह को ले जाने वाले रॉकेट की लंबाई 51.7 मीटर है। इसरो ने कहा कि मिशन के प्राथमिक उद्देश्य हैं कि पृथ्वी की सतह की निगरानी करना, मौसम संबंधी महत्व के विभिन्न वर्णक्रमीय चैनलों में समुद्री अवलोकन और उसके पर्यावरण को पूरा करना; वायुमंडल के विभिन्न मौसम संबंधी मापदंडों की ऊर्ध्वाधर प्रोफ़ाइल प्रदान करना; डेटा संग्रह प्लेटफार्मों (डीसीपी) से डेटा संग्रह और डेटा प्रसार क्षमताएं प्रदान करना; और उपग्रह सहायता प्राप्त खोज और बचाव सेवाएं प्रदान करना। यह उपग्रह वर्तमान में कार्यरत इनसैट-3डी और इनसैट-3डीआर उपग्रहों के साथ-साथ मौसम संबंधी सेवाओं को भी बढ़ाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत विभिन्न विभाग जैसे भारत मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय मध्यम-सीमा मौसम पूर्वानुमान केंद्र, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान, राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र और विभिन्न अन्य एजेंसियां और संस्थान बेहतर मौसम पूर्वानुमान तथा मौसम संबंधी सेवाएं प्रदान करने के लिए इनसैट-3डीएस उपग्रह डेटा का उपयोग करेंगे।