अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। जब से देश दुनिया में राम नाम की लहर चली है श्रीराम जी का मंदिर और प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही सभी दलों के नेताओं को यह अहसास हो गया है कि राम नाम का सहारा लिए बिना चुनावी नैया पार नहीं हो सकती, इस कारण सभी पार्टियों के नेता रामजी के आदर्शों की चर्चा कर रहे हैं, पर यह चर्चा केवल भाषणी है। मुझे देखकर दुखद आश्चर्य हुआ कि जो बड़े बड़े नेता और सांसद अपने घरों में शराब का लंगर लगाते हैं शराब की पार्टियां करते हैं मांस मदिरा का सेवन खुद ही नहीं करते, अपितु मेहमानों तथा अन्य साथी नेताओं को भी करवाते हैं वह भी भाषण देते समय अखबारों में राम जी के आदर्शों की बात कहते हैं। ऐसे भाषण वीरों से मेरा यह निवेदन है कि अगर राम जी के नाम पर वोट लेने हैं तो पहले वह सब बुरी वस्तुएं छोड़ें जिनका रामजी से कोई रिश्ता नहीं। जरा अपने अपने मन आत्मा में झांक कर देखें कि क्या रामजी का कोई भी आदर्श उनके जीवन में है। शराब बांट कर, मांस मदिरा का सेवन करके और रिश्वत देकर राजनीति चलाने वाले लोगों से मेरा आग्रह है कि राजनीति में जो करना है करो, पर उस पर राम नाम का कवर न चढ़ाओ। न भगवान राम माफ करेंगे, न राम जी के आदर्शों पर चलने वाले।
रामजी का नाम लेकर भाषण देना राजनीतिक नेताओं का फैशन हो गया: लक्ष्मीकांता चावला
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