पीडी आर्य स्कूल में “विश्व मलेरिया दिवस” के अवसर पर जागरूकता सेमिनार

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। सिविल सर्जन होशियारपुर डॉ. बलविंदर कुमार के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिले भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला स्तरीय जागरूकता सेमिनार पी.डी. आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल बहादुरपुर में आयोजित किया गया। प्रिंसिपल टिमाटिनी अहलूवालिया की अध्यक्षता में हुए इस सेमिनार में जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ. जगदीप सिंह, डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर, जिला बीसीसी कोऑर्डिनेटर अमनदीप सिंह, हेल्थ इंस्पेक्टर तरसेम सिंह, जसविंदर सिंह, राकेश कुमार और मल्टी पर्पस मेल हेल्थ वर्कर्स ने हिस्सा लिया। इस दौरान पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में 15 छात्राओं ने भाग लिया।

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सेमिनार को संबोधित करते हुए डॉ. जगदीप सिंह ने कहा कि तापमान बढ़ने के साथ ही मच्छरों का खतरा भी काफी बढ़ गया है। मच्छर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। मलेरिया उन गंभीर बीमारियों में से एक है जिसके गंभीर मामलों में मौत भी हो सकती है। गर्मी और बरसात के मौसम में मलेरिया बुखार बहुत तेजी से फैलता है। मलेरिया एक प्रकार का तीव्र बुखार है जो एनाफिलिस मच्छर के काटने से फैलता है। यह रात में काटता है। मच्छर खड़े पानी में पनपते हैं, जैसे नालियों, तालाबों, टोए आदि में जमा पानी। इसलिए अपने आस-पास की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।

जानकारी साझा करते हुए डिप्टी मास मीडिया ऑफिसर रमनदीप कौर ने बताया कि मच्छरों से अपना बचाव करना जरूरी है। मच्छरों से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह ढकने वाले कपड़े पहनें। रात को सोते समय मच्छरदानी, मच्छर भगाने वाली क्रीम और तेल आदि का प्रयोग करें। अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें। उन्होंने कहा कि मलेरिया मुक्त समाज बनाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी है, तभी 2025 तक पंजाब को मलेरिया मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

हेल्थ इंस्पेक्टर तरसेम सिंह ने कहा कि मलेरिया के सबसे आम शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द और ठंड लगना शामिल हैं। लक्षण आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिनों के भीतर शुरू होते हैं। अगर किसी को ठंड और ठंड के साथ बुखार हो, तेज बुखार और सिरदर्द हो, बुखार उतरने के बाद थकान और कमजोरी हो और शरीर से पसीना आए तो यह मलेरिया बुखार हो सकता है। लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपने खून की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें, अपनी मर्जी से कोई दवा न लें। सेमिनार के दौरान पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार और सभी भाग लेने वाली छात्रों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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