अमृतसर (द स्टैलर न्यूज़)। इसी सप्ताह जिला गुरदासपुर में एक बीएसएफ जवानों की पत्नी जो दो बच्चों की मां है उसे कुत्तों ने नोंच नोंच कर खा लिया। इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी पंजाब सरकार और भारत सरकार खामोश है। अगर किसी को गुंडों ने गोली मार दी होती तो डीजीपी समेत सारा पुलिस प्रशासन हिल जाता, पर जिस नगर निगम और स्थानीय स्वशासन का कुत्तों को नियंत्रित करना कर्तव्य है वे सोये हुए हैं। भारत सरकार भी न जाने क्यों कुत्तों के आतंक से जनता की रक्षा नहीं कर पा रही।
इसी सप्ताह की दुर्घटना है कि एक युवक शराब के नशे में सड़क पर किसी बेंच पर सो गया। उसे भी कुत्तों ने नोंच कर खा लिया। ऐसी पंजाब में और देश में एक नहीं अनेक घटनाएं हो चुकी हैं, पर आश्चर्य है कि न जाने क्यों भारत सरकार ने जनता को कुत्तों के रहम पर छोड़ दिया हैं आज तक सरकार ने यह भी नहीं बताया कि कुल कितने लोगों को जितने महिलाएं, बुजुर्ग औरब च्चे भी हें कुत्ते मौत के मुंह में धकेल चुके हैं। लाखों लोगों को कुत्ते हर वर्ष काटते हैं। मुझे अफसोस है कि जनप्रतिनिधि भी आंखें मुंह बंद रखते हैं, इसलिए मैंने पंजाब की जनता से निवेदन कर रही हूं कि लोकसभा के लिए जो भी प्रत्याशी वोट मांगने आएं उनसे पहले यह आश्वासन नहीं बल्कि वचन लीजिए कि वे कुत्तों के त्रास से जनता को मुक्त करेंगे। आवारा कुत्तों को वहां पहुंचाएंगे जहां उनकी जगह है।