लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

होशियारपुर, (द स्टैलर न्यूज़)। आने वाले दिनों में तापमान में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लू से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। सिविल सर्जन डा.बलविंदर कुमार डमाणा ने कहा कि दिन-ब-दिन तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए लोगों को लू से बचाव के लिए अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।

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सिविल सर्जन डॉ.बलविंदर कुमार ने कहा कि यदि किसी मैदानी क्षेत्र का तापमान 40 डिग्री या इससे अधिक हो जाता है, तो यह उच्च तापमान शरीर के तापमान नियंत्रण प्रणाली को बाधित करता है और गर्मी से संबंधित बीमारियों का कारण बनता है।

उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सलाह का पालन करने की अपील की और कहा कि मई और जून के महीनों के दौरान गर्म मौसम की संभावना अधिक होती है और इस अवधि के दौरान नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों, मजदूरों और जो लोग शारीरिक रूप से बीमार हैं, विशेषकर हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं, उन्हें अधिक खतरा है। 

उन्होंने सलाह दी कि टीवी, रेडियो, समाचार पत्र आदि के माध्यम से स्थानीय मौसम की खबरों पर ध्यान देने के अलावा मौसम की ताजा जानकारी मौसम विभाग की वेबसाइट से भी प्राप्त की जा सकती है।

लोग पूर्वानुमान के अनुसार अपनी दैनिक गतिविधियों की योजना बनायें।उन्होंने कहा कि सिर को सीधी धूप से ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग करना चाहिए। नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें। धूप में काम करने वाले लोगों को शरीर का तापमान उचित बनाए रखने के लिए छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए। धूप में बाहर जाते समय हमेशा पानी साथ रखें। तरबूज, संतरा, अंगूर, खीरा और टमाटर जैसे मौसमी फल और सब्जियां खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।

जिला एपीडिमोलोजिस्ट डॉ.जगदीप सिंह ने बताया कि लू लगने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और शरीर का आंतरिक तापमान बढ़ जाता है। जिसके कारण व्यक्ति को थोड़ा सा काम करने पर भी बहुत ज्यादा थकान महसूस होती है। लू के कारण शरीर और पित्त, चक्कर आना, अत्यधिक पसीना और थकान, सिरदर्द और उल्टी, लाल और शुष्क त्वचा, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और हृदय गति में वृद्धि जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि स्थिति इससे अधिक गंभीर हो तो कभी-कभी मांसपेशियों में ऐंठन, बेहोशी और कभी-कभी लू भी लग जाती है जो जीवन के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए चिलचिलाती धूप में मजदूरी करने वाले लोग कभी-कभी लू से पीड़ित हो जाते हैं, इसलिए उन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लू के ऐसे लक्षण दिखने पर प्रभावित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान से जांच करानी चाहिए।उन्होंने कहा कि लू से बचने के लिए यदि संभव हो तो दिन के ठंडे समय यानी सुबह और शाम को बाहर का काम करें। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनने के साथ-साथ धूप से बचने के लिए छाता, टोपी, तौलिया आदि का प्रयोग करना चाहिए और धूप में नंगे पैर जाने से बचना चाहिए। इसके साथ ही अगर धूप में निकलना ज्यादा जरूरी हो तो पानी लेकर जरूर जाएं। थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद पानी अवश्य पियें। मिर्गी या हृदय रोग और गुर्दे या यकृत रोग से पीड़ित लोग जो तरल पदार्थ-प्रतिबंधित आहार पर हैं, उन्हें पानी का सेवन बढ़ाने से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

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