यज्ञ से देवगण, पितृगण, ऋषिगण और प्राणीमात्र तृप्त होते हैं: आचार्य राजिंदर

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़़)। श्री नंद अन्नपूर्णा मंदिर चैरीटेबल सोसायटी की तरफ से मंदिर परिसर एकता नगर में आयोजित किए जा रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दूसरे दिन आचार्य राजिंदर प्रसाद जी हरिद्वार वालों ने मंत्रोच्चारण के साथ हवन यज्ञ प्रारंभ करवाया। इस अवसर पर लुधियाना से पधारे अनिल अग्रवाल व उनकी धर्मपत्नी ने मुख्य यजमान के तौर पर उपस्थित होकर यज्ञ में आहुति डाली।

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 श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ के दूसरे दिन यजमान अनिल अग्रवाल व उनकी पत्नी ने डाली आहुतियां

इस मौके पर आचार्य राजिंदर प्रसाद ने बताया कि जिस नगर एवं राज्य में वेद पाठियों द्वारा यज्ञ पुरुष भगवान का पूजन होता है वहां भगवान प्रसन्न होते हैं। देवता यज्ञ के आधीन हैं। जहां यज्ञ होता है वहां देवता संतुष्ट होते हैं और यज्ञ में वे साक्षात उपस्थित होते हैं। यज्ञ के द्वारा शुद्ध बादलों की उत्पत्ति होती है और शुद्ध बादलों द्वारा की हुई वर्षा से प्राणीमात्र के लिए शुद्ध अन्न पैदा होता है।

उन्होंने बताया कि यज्ञ से देवगण, पितृगण, ऋषिगण और प्राणीमात्र तृप्त होते हैं, क्योंकि यज्ञ ही भगवान विष्णु का स्वरुप है। यज्ञ के दर्शन और सेवादि से मनुष्य अपने पापों को दूर करता है और यज्ञ ही संसार रुपी भवन की नाभि है।

इस अवसर पर रमेश अग्रवाल, राजिंदर मोदगिल, नवीन कोहली, मदन लाल, रमन सूरी, दविंदर वालिया (गुरु जी), शोभन सिंह, बृज बिहारी, साहिल शर्मा, नील शर्मा, निखिल अग्रवाल, अशोक कुमार, चमन लाल सूद, राजीव शर्मा, सुभाष अग्रवाल, परवीन तलवाड़, रमेश जोशी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य एवं श्रद्धालुओं ने प्रभु नाम का गुणगान किया।

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