शिक्षा विभाग का उपलब्धियों भरा रहा एक साल: अरुणा चौधरी

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के योग्य नेतृत्व के अधीन पंजाब सरकार ने शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता देने की सहमति दी है ताकि पंजाब को इस क्षेत्र में देश में अग्रणी बनाना जाए। इसके तहत सरकार के कार्यकाल के एक वर्ष में शिक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

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इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब की शिक्षा मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि इन कदमों से सबसे अहम 14 नवंबर, 2017 प्री प्राईमरी कक्षाएं आरम्भ की गई हैं। तीन से छह वर्ष आयु वर्ग के लगभग 1.60 लाख छात्रों को प्री प्राईमरी सैक्षनों में भर्ती किया गया है। इसके अलावा सेवा नियमों में संशोधन द्वारा सीमावर्ती जिलों के शिक्षा प्रशासकों और अध्यापकों का अलग कैडर कायम किया गया, जिसको मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। सीमावर्ती जिलों में जिला शिक्षा अधिकारियों (ईई) और छह और जिला शिक्षा अधिकारियों (एसई) के छह पद होंगे। सीमावर्ती क्षेत्र के कैडर में शिक्षक अपने जिलों में पदोन्नति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। और महत्वपूर्ण कदमों संबंधी बताते हुए मंत्री ने खुलासा किया कि प्री-प्राइमरी, प्राइमरी और मिडल स्तर पर विद्यार्थियों में सीखने का स्तर बढ़ाने के उद्देश्य से पढ़ो पंजाब-पढ़ाओ पंजाब कार्यक्रम अगस्त 2017 में शुरू किया गया। शिक्षकों का प्रशिक्षण सुनिश्चित बनाया गया। विद्यार्थियों के सीखने के स्तर की गणना करने तथा छमाही परीक्षाओं के बाद पता चला कि गणित, अंग्रेजी और पंजाबी जैसे विषयों में विद्यााथियों के सीखने के स्तर में लगभग 40 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

शिक्षक भर्ती के पहलु पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने बताया कि आर्ट एंड क्राफ्ट, ईटीटी और मास्टर काडर में लगभग 1645 शिक्षकों भर्ती किए गए। इसके अलावा मास्टर कैडर में 3582 और अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है जो कि शीघ्र सम्पूर्ण हो जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा कि 1800 अध्यापकों की सेवाओं को पक्का किया गया है और अनुकंपा के आधार पर 174 उम्मीदवारों को नौकरियां दी गई है।

विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीमती अरुणा चौधरी ने कहा कि पदोन्तियों में स्थिरता को तोड़ते हुए, प्रिंसीपल काडर से आठ अध्यापकों को डिप्टी डायरैक्टर, 551 पदोन्तियां मास्टर काडर से हैड मास्टर काडर में जेबीटी/ईटीटी 725 पदोन्तियां मास्टर कैडर में और सैन्टर हैड टीचर से 101 पदोन्तियां बीपीईओं में की गई। इसके अलावा जिला फतिहगढ़ साहिब और मोहाली में पायलट परियोजना के तौर पर मोबाईल आधारित उपस्थिति के लिए कम कीमत वाली बायोमीट्रिक प्रणाली आरम्भ की गई है। सभी जिलों के सभी सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक आधारित उपस्थिति प्रणाली आरम्भ करने का प्रस्ताव है और शिक्षा कार्यालयों ने योजना बनाई है, जिसको वित्त विभाग को 2018-19 विचार करने के लिए सौंप दिया गया है।

शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए स्कूल ग्रेडिंग और बेहतरीन स्कूल अवार्ड जैसे कदम भी उठाए गए हैं, जिसके अंतगर्त प्रत्येक ब्लाक के एक प्राईमरी स्कूल और प्रत्येक जिले के एक-एक मिडल, हाई तथा सीनियर सैंकडरी स्कूल को बेहरतीन स्कूल अवार्ड के लिए चुना जाए। इसके अंतगर्त प्राईमरी स्कूल को दो लाख रूपये, मिडल स्कूल को पंाच लाख रूपये, हाई स्कूल को साढें सात लाख और सीनियर सैकेंडरी स्कूल को दस लाख रूपये शैक्षणिक सत्र सम्पन्न होने पर दिय जाएगें। खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए विभाग ने 2017-18 शेेैक्षणिक सत्र के दौरान प्राईमरी स्तर के विद्यार्थियों के लिए राज्य स्तरीय खेल मुकाबले करवाये। यह खेल गत वर्ष नवंबर माह में पटियाला में करवाये गये । सैकेंडरी स्तर पर जिला , राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर वार्षिक मुकाबले करवाये जाते हैं। 2017-18 के दौरान 63वीं स्कूल खेलों में पंजाब ने स्वर्ण के 70, रंजत के 128 और कांस्य के 207(कुल 405) पदक जीतकर सातवां स्थान हासिल किया। यह भी जिक्र करने योग्य होगा कि पांच विद्यार्थियों ने वर्ष 2017 -18 के दौरान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगितिताओं में भाग लिया। दस वर्षो के लिए सभी सरकारी स्कूलों में वाई फाई से निशुल्क इंटरनेट मुहेैया करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों से समझोैते पर हस्ताक्षर किये गये हैं। निशुल्क इंटरनेट की सुविधा 31 मार्च 2018 से दी जाएगी। प्राईमरी स्कूलों के लिए ग्रीन बोर्ड और मेज कुर्सियां, प्राईमरी स्कूलों का कम्पयूट्रीकरण, प्राईमरी , मिडल, हाई एवं सैकेंडरी स्कूलों के लिए अतिरिक्त क्लास रूम बनाये गये। आर आई डी एफ -23 अधीन स्कूलों को आरओ का पेयजल मुहैया करने के लिए कदम उठाये गये।

शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि ‘अशोर्ड करियर प्रोग्राम’ (एसीपी), प्रोवेशन एवं कंफ्रमेशन, एक्स इंडिया लीव, चाईल्ड केयर लीव ओैर मैडीकल छुटटी से संबंधित अध्यापकों की शिकायतों का निपटारा किया गया है। पांच वर्षो से अधिक समय से लटक रहे एसीपी , प्रोवेशन एवं कंफ्रमेशन केसों का निपटारा कर दिया गया। इन मामलों के हल की शक्तियां संबंधित स्कूल प्रिंसीपलों/मुखियों को दे दी गई है। वित्त विभाग ने अध्यापकों को 15 दिनों के लिए अनिवार्य मैडीकल छुटटी से छूट दे दी है। स्कूल स्टाफ , विद्यार्थियों एवं स्कूलों बुनियादी ढांचे से संबधित विस्तार में जानकारी के लिए आनलाईन स्कूल मैनेजमैंट प्रणाली ई स्कूल पंजाब विकसित की गई है। इसके अलावा शिकायतों के निपटारे के लिए आनलाईन प्रणाली कायम की गई है। जिस को विभाग की बैवसाईट से जोड़ा गया हेेै। सरकारी स्कूलों के 99 प्रतिशत विद्यार्थियों के आधार कार्ड नम्बर आनलाईन अपलोड किये गये है और इनको विभिन्न छात्रवृतियों तथा अन्य रियायतों से जोड़ा गया है। इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड में भी सुधारों की प्रक्रिया आंरभ की गई है और बोर्ड ने पहली बार उत्तरपुस्तिकाओं के पुन: मूल्याकंन की प्रणाली आंरभ की है। पुन: मूल्याकंन की इस प्रणाली तहत बोर्ड आवेदन पहली अप्रैल 2018 से आवेदन आनलाईन लेगा। प्रमाणपत्रों में जन्म तिथि किसी भी समय करवाई जा सकती है। पहले इसके लिए कई शर्ते लागू थी।

श्रीमती चौधरी ने कहा कि शिक्षा बोर्ड के ढांचे का पुनर्गठन मुकम्मल हो गया है और इसके नतीजे के तौर पर बोर्ड के खर्चों में जि़क्रयोग्य कटौती होगी। इसके साथ ही बोर्ड की कार्यप्रणाली का भी कम्प्यूटरीकरन हो रहा है। बोर्ड द्वारा दीं जातीं विभिन्न सेवाओं को भी ऑनलाइन कर दिया गया। इन सेवों में परीक्षा सर्टिफिकेट और डुप्लीकेट सर्टिफिकेट जारी करवाना, सर्टीफिकेटों में दरुसती और सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन, नाम तबदीली या विद्यार्थियों की जन्म तारीख़ तबदील करने के साथ सम्बन्धित सेवाएंं शामिल हैं। विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा की पुष्टि के लिए अन्य बोर्डों से सर्टिफिकेट जारी करवाने की शर्त ख़त्म कर दी गई है। 780 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा और कोैशल विकास प्रोग्राम शुरू किया गया है और कृषि, आटोमोबाईल, ब्यूटी और वैल्लनैस्स, हैल्थ केयर, आईटी /आईटीईऐस, शारीरिक शिक्षा, रिटेल, सिक्युरिटी और पर्यटन जैसी ट्रेडें भी मौजूदा समय पढ़ाईं जा रही हैं।

इसके ओैर विवरण देते मंत्री ने कहा कि पहली से आठवीं तक के ग़ैर एस.सी. बच्चों को भी पाठ्यक्रम की पुस्तकें मुफ़्त मुहैया करवाई जा रही हैं। इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान अधीन पहली से आठवीं तक एस.सी. /एस्टी /बीपीएल लडक़ों और सभी वर्गों की लड़कियाँ को मुफ़्त स्कूली वर्दी देने का प्रस्ताव है। प्राथमिक स्तर पर 887914 योग्य बच्चों को मुफ़्त वर्दी मुहैया की गई। यह ही नहीं सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और अपर प्राथमिक स्कूलों में मिड डे मील मुहैया करवाया जा रहा है। अध्यापक प्रशिक्षण के पहलू संबंधीे बात करते उन्होंने कहा कि एस.एस.ए. और रमसा अधीन 42812 प्राथमिक अध्यापकों, 29874 अपर प्राथमिक अध्यापकों और 17958 सेकेंडरी अध्यापकों को सेवा अधीन प्रशिक्षण दिया गया। अपर प्राथमिक अध्यापकों को मुख्य तौर पर गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी और समाज शास्त्र जैसे विषयों की प्रशिक्षण दिया गया। स्कूल लीडरशिप डिवैल्पमैंट प्रोग्राम अधीन 1376 मुख्य अध्यापकों /प्रिंसिपल को प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा 40 स्कूली अध्यापकों को स्टेट अवार्ड और 8 स्कूल अध्यापकों को राष्ट्रीय अवार्ड दिया मिला। 15 अध्यापकों को अपनी विलक्षण कारगुज़ारी के लिए मालती ज्ञानपीठ अवार्ड दिया गया।

इन महत्वपूर्ण कदमों के अलावा विद्यार्थियों को नशों खि़लाफ़ जागरूक किया जा रहा है और कॅरियर कौंसलिंग प्रोग्राम, माहवारी दौरान सेहत की संभाल और साफ़ -सफ़ाई संबंधी बताया जा रहा है। पानी की संभाल और धरती में पानी का संरक्षण, शक्कर रोग संबंधीे भी जागरूक किया जाता है। विद्यार्थियों में मुकाबलो की भावना पैदा करने के लिए इन विषयों संबंधी प्रश्नोत्तरी और चित्रकारी मुकाबले करवाए जाते हैं। लड़कियाँ को कराटे का प्रशिक्षण के द्वारा स्वै रक्षा के तरीके सिखाने पर ध्यान केन्द्रित करते विद्यार्थियों की शारीरिक तंदरुस्ती यकीनी बनाने के लिए खेल नीति बनाई जा रही है।

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