संतों की दृष्टि यही रही है कि सब अपने ही हैं पराया कोई नहीं है : सतगुरु माता सविंदर

होशियारपुर ( द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। सतगुरु माता सविंदर हरदेव जी महाराज की कृपा से संत निरंकारी सत्संग भवन अस्लामाबाद होशियारपुर में मुखी माता सुभदरा देवी के नेतृत्व में संत समागम का आयोजन किया गया जिसमें जोनल टूर के मुताबिक नछत्तर कौर जी मुखी माहिलपुर विशेष तौर पर पहुंचे।
उन्होंने प्रवचन करते हुए कहा कि इंसान को हीरे जैसा जन्म मिला है इसको कोडियों की कीमत में नहीं गवाना है अगर मिलवतज़्न प्रेम भाईचारे की कदर नहीं की तो आप की भी कदर नहीं होगी। इंसान को अन्य जीव जंतुओं के बजाय सोचने समझने की ज्यादा ताकत मिली है परंतु यह विडंबना ही है कि सबसे ज्यादा भटकी हुई चाल इंसान की ही बनी हुई है।
ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के बाद ही भक्ति के असल स्व रूप का पता चलता है सारे भ्रम खत्म हो जाते हैं । संसार की माया वही पर रहती है पर ज्ञान की प्राप्ति के बाद ध्यान सतगुरु के चरणों के साथ जुड़ा रहता है अत: इंसान माया के प्रभाव से बचा रहता है
उन्होंने कहा कि इंसान ने संतों के कल्याणकारी संदेशों को अपनाया ही नहीं इन्हीं कारणों के चलते इंसान आज भी अंधेरे में भटक रहा है । संतों की दृष्टि यही रही है कि सब अपने ही हैं पराया कोई नहीं है। जो इंसान दया करुणा क्षमा करने वाली भावना से भरपूर होते हैं वही धमज़् की सच्ची पहचान कर कायम करते हैं। आज का इंसान मानवीय गुणों को भुलाकर जीवन जी रहा है यही कारण है कि इंसान सुखी नहीं है संसारिक माया से सुख हासिल नहीं किए जा सकते।

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उन्होंने कहा कि आज का इंसान माया के पीछे लग कर दुखी हो रहा है लेकिन गुरसिख सतगुरु के आदेशों का पालन करते हुए आनंद हासिल करता है। अंत में शिक्षक महात्मा देविंदर बोहरा ने मुखी माता सुभदरा देवी की तरफ से माहिलपुर की मुखी माता नछत्तर कौर का धन्यवाद किया। इस अवसर पर बखशी सिंह निमज़्ल दास राकेश कुमार सुदशज़्न जी जसवीर जी योगराज जी बहन अंग्रेज कौर जी आदि उपस्थित थे।

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