राज्य में 100 करोड़ की लागत से एन.आर.एस.ई. प्रोजेक्टों की होगी स्थापना : कांगड़

चंडीगढ(द स्टैलर न्यूज़)। नए और नवीनकरणीय ऊर्जा स्रोतों की प्रोजैक्ट अलॉटमैंट कमेटी द्वारा राज्य में 100 करोड़ की लागत से प्रमुख एन.आर.एस.ई. प्रोजेक्टों की स्थापना को मंज़ूरी दी गई है। इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब के बिजली और नवीनकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने बताया कि राज्य में निजी कारोबारियों द्वारा 60 करोड़ रुपए की लागत से 5.55 मेगावाट की क्षमता वाले 9 छोटे हाईड्रो प्रोजैक्ट, 17.50 करोड़ रुपए की लागत से 1 बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट और 26.75 करोड़ की लागत में बायो कोल प्लांट की स्थापना की जायेगी।
श्री कांगड़ ने कहा कि यह बहुत मान वाली बात है कि निजी कंपनियाँ नवीनकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए और ज्यादा रूचि दिखा रही हैं। इससे राज्य में न सिफऱ् निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि प्रदूषण रहित ऊर्जा के उत्पादन में भी विस्तार होगा। इसके साथ ही वह बायो सी.एन.जी और बायो कोल के उत्पादन के लिए धान की पराली को भी प्रयोग में ला सकते हैं। इन पहलकदमियों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियों के नये मौके पैदा होने के साथ ही वातावरण भी सुरक्षित होगा।

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-प्रोजैक्ट अलॉटमैंट कमेटी द्वारा 9 हाईड्रो, 1 बायो सी.एन.जी. और 1 बायो कोल प्लांट को मंज़ूरी

यह हाईड्रो प्रोजैक्ट मुख्य तौर पर सिद्धवां ब्रांच और बठिंडा केनाल ब्रांच के साथ अप्पर बारी दुआब केनाल ब्रांच पर ऊर्जा के निर्माण के लिए लोअ / अलट्रा हैड साईटज़ को प्रयोग में लाया जायेगा। यह प्रोजैक्ट वित्तीय वर्ष 2020 -21 में मुकम्मल हो जाएंगे। इन प्रोजेक्टों की स्थापना से राज्य में स्माल /मिनी हाईडल प्रोजैक्टज़ की निर्माण क्षमता करीब 180 मेगावाट हो जायेगी।
धान की पराली समेत अन्य कृषि अवशेष से बायो सी.एन.जी. के निर्माण के लिए यह प्रोजैक्ट स्टेट एन.आर.एस.ई. नीति-2012 के अंतर्गत मैसर्ज महिंद्रा वेस्ट टू एनर्जी सेल्यूशनज़ लिमटिड, मुंबई (जोकि महिंद्रा एंड महिंद्रा की कंपनी है) द्वारा अपने स्तर पर लगाया जायेगा। यह प्रोजैक्ट एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में भी स्थापित होना प्रस्तावित है। कंपनी द्वारा यह प्रोजक्ट 15 महीनों के अंदर मुकम्मल कर लिया जायेगा जिससे रोज़मर्रा की 6000 सी.यू.एम. असंशोधित बायो गैस का उत्पादन होगा जिसको संशोधन करके रोज़मर्रा की 2.5 टन बायो सी.एन.जी. और 10-12 टन जैविक खाद का निर्माण किया जायेगा। इस प्रोजैक्ट के द्वारा वार्षिक 8000 टन धान की पराली के इलावा गेहूँ और पशुओं के अवशेष को प्रयोग में लाया जायेगा।
धान की पराली की प्रोसेसिंग पर आधारित बायो कोल प्लांट प्रोजैकट बठिंडा जिले के गाँव महिमा सरजा में मैसर्ज न्यूवे नवीनकरणीय ऊर्जा प्राईवेट लिमटिड द्वारा निजी स्तर पर स्थापित किया जायेगा। इस प्रोजैक्ट के द्वारा रोज़मर्रा की 300 टन धान की पराली को प्रयोग में लाकर तकरीबन 225 टन प्रतिदिन बायो -कोल का निर्माण किया जायेगा।

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