होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल लक्ष्मी एन्क्लेव होशियारपुर में हेपेटाइटिस डे पर एक लेक्चर करवाया गया, जिस दौरान छात्रों को हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक किया गया। प्रिंसिपल सुशील सैनी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान डा. विशाल शर्मा ने छात्रों को बताया कि हेपेटाइटिस एक वायरल रोग है, जिसे सामान्य भाषा में पीलिया भी कहा जाता है। यह लिवर का एक खतरनाक रोग है, जिस से भारत में हर साल हजारों लोगों की मृत्यु हो जाती है। हेपेटाइटिस के प्रति लोगों की अज्ञानता ओर इसके दुष्प्रभावों को समझने की हमारी विफलता के कारण यह रोग हर साल हजारों लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
डा. शर्मा ने बताया कि हेपेटाइटिस 6 प्रकार का होता है (हेपेटाइटिस-ए, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, हेपेटाइटिस-डी, हेपेटाइटिस-ई और हेपेटाइटिस-एफ)। इनमें हेपेटाइटिस-बी प्रकार सबसे ज्यादा ख़तरनाक माना जाता है। बदनदर्द, सरदर्द, कमजोरी, थकान, भूख ना लगना या कम लगना, जी मचलाना, कब्ज या दस्त लगना, पेट दायीं तरफ ऊपर की ओर हल्का दर्द व जोड़ों में दर्द इसके मुख्य लक्षण है। हेपेटाइटिस वायरस का प्रवेश शरीर में पानी, विषाणुयुक्त सुई, शरीरक संबंध या बच्चे को मां के द्वारा होता है।
कार्यक्रम के अंत में प्रिंसिपल सैनी ने कहा कि जागरूकता की कमी के कारण कई लोग पीलिया की समस्या का उपचार करने के लिए घरेलू नुस्खे ही अपनाते रहते है ओर आखिर पीलिये के कारण लिवर पूरी तरह खराब होने पर ही डॅाक्टर के पास जाते है। उन्होंने छात्रों को पीलिया के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इस रोग का समय रहते उपचार करवाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में डा. शर्मा को प्रिंसिपल सुशील सैनी ने सम्मानित भी किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में समूह स्कूल स्टाफ ने सहयोग दिया।