होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वर्तमान सदी में युवा वर्ग मानव सभ्यता के ऐसे मुकाम पर खड़ा है, जहां च्मानव विकास गति’ का रथ बहुत तेजी से भाग रहा है। यह तीव्र विकास गति जहां अनेकों उपलब्धियां, सुविधाएं और चमत्कार लेकर आ रही है, वहीं युवा वर्ग के लिए तीव्र गति से भागने की क्षमता पा लेने की चुनौती भी खड़ी हो रही है।
यह विचार सेंट सोल्जर इंस्टीच्यूट आफ पालीटेक्निक एंड फार्मेसी चब्बेवाल में अंर्तराष्ट्रीय युवा दिवस के संबंध में आयोजित सेमीनार के दौरान प्रिंसिपल विमल कुमार पॉल ने प्रगट किए। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। यहां 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं। अर्थात हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। आवश्यकता है तो उसको उचित मार्ग दर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उनमे अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रोद्यौगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हें बुरी आदतों जैसे- नशा, जुआ, हिंसा इत्यादि से बचाने की।
उन्होंने कहा कि विद्यालय को च्मस्ती की पाठशाला’ समझ कर समय गंवाने वाले छात्र स्वयं अपने साथ अन्याय करते हैं। यदि कोई युवा अपने विद्यार्थी जीवन के समय का सदुपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो मनोरंजन, मस्ती और ऐश के लिए पूरे जीवन में भरपूर अवसर मिलते हैं। उन्होंने छात्रों को अपने विद्यार्थी जीवन में अध्य्यनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रेरित किया। सेमीनार को सफल बनाने में हरपाल सिंह का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।