साधू आश्रम एक बार फिर दिखेगा अपने विरासती व सांस्कृतिक रूप में: सांपला

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। 10वीं सदी के अवशेष से सुसज्जित उत्तर भारत के एक मात्र खोज संस्थान साधू आश्रम जो कभी संस्कृत यूनिवर्सिटी रही है आज सरकार की अनदेखी के कारण अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहा है।

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इस बात को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला एवं यूथ डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व उपचेयरमैन संजीव तलवाड़ा ने केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री महेश शर्मा से भेंटकर इसका स्थायी हल निकालने की अपील की। सांपला ने शर्मा को बताया कि आजादी के बाद लाहौर से शिफ्ट होकर संस्कृत विश्वविद्यालय होशियारपुर के साधू आश्रम में संचालित हुआ था। इस केन्द्र में आज भी ऐसी दुर्लभ किताबें व ज्ञान का भंडार उपलब्ध है जिससे शोधकर्ता मार्गदर्शन लेकर शिक्षा के क्षेत्र में नई खोज करने में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इसी जगह पर ढोलवाहा डैम की खुदाई के समय मिले 10वीं सदी की झलक दिखाती विरासती चीजें पड़ी हैं। इस अवसर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद आई.डी. उनियाल ने बताया कि यह क्षेत्र आज तक कई यूनिवर्सिटियों के कुलपति, उपकुलपति पैदा कर चुका है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक संस्कारों को पैदा करने वाला यह संस्थान आज अपने उद्धार के लिए सरकारों का मुंह ताक रहा है। जिसके लिए प्रयास किए जाने वाली पीढिय़ों और देश हित में बहुत ही सराहनीय सिद्ध होंगे। सांपला और उनियाल से इस महान संस्थान की जानकारी प्राप्त करने उपरांत केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री शर्मा ने कहा कि वे सरकार की तरफ से हर मप्रकार की मदद मुहैया करवाएंगे।

उन्होंने तत्काल प्रभाव से एक टीम गठित कर इस संस्थान की सारी जानकारी जुटाने एवं इसके उत्थान के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए संंबंधी रिपोर्ट करने के निर्देश जारी किए। उनके द्वारा यह कदम उठाए जाने से अब वह दिन दूर नहीं जब साधू आश्रम पुन: अपने विरासती और सांस्कृतिक रंग में दिखाई देगा। सरकार की इस पहल पर साधू आश्रम की लड़ाई लड़ रहे वार्ड की पार्षद नीति तलवाड़ एवं संजीव तलवाड़ ने सांपला एवं शर्मा का धन्यवाद व्यक्त किया।

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