किसानों के लिए वरदान है कृषि विभाग की भूमि परिक्षण लेबोरेट्री: जिलाधीश

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। किसान किस तरह खेती में नए प्रयोग कर सकते हैं इसके लिए कृषि विभाग की ओर से किसान जागरु कता कैंप तो लगाए ही जा रहे हैं, साथ ही उनके खेतों की मिट्टी की जांच कर उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि उनकी जमीन के लिए कौन सी फसल उपयुक्त है और वे अपने खेतों में फसल के हिसाब से कितनी मात्रा में खाद का प्रयोग करें।

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जिलाधीश ईशा कालिया की ओर से कृषि विभाग होशियारपुर में भूमि परिक्षण लेबोरेट्री का निरीक्षण करते हुए व्यक्त किए। इस दौरान उन्होंने लेबोरेट्री की ओर से चलाए जा रहे सायल हैल्थ कार्ड स्कीम के अंतर्गत एकत्र व जांच किए मिट्टी के सैंपल व टेस्ट किए जा रहे सैंपलों की विधि संबंधी मुकम्मल जानकारी विभाग के अधिकारियों से प्राप्त की। जिलाधीश ने कहा कि जिला होशियारपुर में अब तक विभाग की ओर से जिले में 45000 सायल हैल्थ कार्ड बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिला होशियारपुर में वर्ष 2018-19 के लिए मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत 26504 मिट्टी के सैंपल एकत्र करने का लक्ष्य है जिसमें से अभी तक 19282 सैंपल भर कर उनकी जांच की जा रही हैं जिसमें से लगभग 18000 सैंपलों की जांच कर उनके सायल हैल्थ कार्ड बनाया जा चुका हैं।

– मिशन तंदुरु स्त पंजाब के अंतर्गत 2018-19 में 19282 किसानों की मिट्टी के लिए जा चुके हैं सैंपल

उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से बड़ी ही तेजी से इस कार्य को किया जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि विभाग निर्धारित समय से पहले ही लक्ष्य प्राप्त कर लेगा। जिलाधीश ने किसानों को अपील करते हुए कहा कि वे अधिक से अधिक मिट्टी के सैंपल जांच करवाए और मिट्टी की जांच के आधार पर खाद का उपयोग करें ताकि खाद पर हो रहे बेवजह खर्चे को रोकने के साथ-साथ वातावरण, मिट्टी व मानवीय स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके। उन्होंने बताया कि संतुलित खादों के उपयोग से क्वालिटी खेती उत्पादन होगा व उत्पादन का खर्चा कम होने से किसानों की आय में 20-25 प्रतिशत वृद्धि होगी। इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी डा. विनय कुमार ने बताया कि सायल हैल्थ कार्ड स्कीम के अंतर्गत 5 हैक्टेयर के ग्रिड में से एक सैंपल लिया जाता है। मिट्टी का सैंपल लेने के लिए खाली खेत के ऊपरी तह से घास-फूस हटा कर स्टेनलैस स्टील के खुरपे के साथ 6 इंच गहरा खड्डा कर 5-6 स्थानों से मिट्टी के नमूने लेने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से मिला कर 250 ग्राम मिट्टी थैले में डाल कर विभाग की लेबोरेट्री में टेस्ट किया जाता है।

थैले में किसान किसान का नाम, पता, खेत नंबर लिखा जाता है ताकि उसका सायल हेल्थ कार्ड बन सके। जांच के दौरान पौधे की वृद्धि व फसल के झाड़ के लिए जरु री तत्वों में 12 तत्वों की जांच के बाद सायल हैल्थ कार्ड लेबोरेट्री की ओर से तैयार किया जाता है। सायल हैल्थ कार्ड में तत्वों की मात्रा व खाद की फसल के हिसाब से मात्रा अंकित की जाती है। रबी की फसलों की बिजाई करने के लिए सायल हैल्थ कार्ड अनुसार विभाग की ओर से किसान प्रशिक्षण कैंपों के माध्यम से फसलों के लिए जरु री खादों के उपयोग के लिए किसानों को जानकारी दी जाती है। इस मौके पर भूमि जांच अधिकारी डा. सुरिंदर सिंह, कृषि विकास अधिकारी डा. गगनदीप कौर भी उपस्थित थे।

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