अयोध्या नगरी कर रही थी भगवान के राजतिलक की तैयारी और दशरथ ने सुना दिया वनवास

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्री राम लीला कमेटी होशियारपुर की तरफ से करवाए जा रहे श्री राम लीला मंचन के आठवें दिन का मंचन बहुत मार्मिक रहा। इस दौरान एक तरफ जहां अयोध्या नगरी एवं पूरी प्रजा भगवान श्रीराम के राजतिलक की तैयारी कर रही थी तो दूसरी तरफ से माता कैकेई द्वारा मंथरा के भडक़ाए जाने पर राजा दशरथ से दो वर मांगते हुए भगवान राम के लिए वनवास मांग लिया गया और भरत के लिए राजपाठ। अपने वचनों को निभाते हुए राजा दशरथ ने हृदय पर पत्थर रखते हुए भगवान राम को वनवास और भरत को राजपाठ सौंपने की बात कह डाली। राजा दशरथ रानी कैकेई से इसके सिवाये और सबकुछ एवं प्राण तक मांगने की बात कहते हैं, मगर रानी अपनी बात पर अड़ी रहती है। जिस पर राजा दशरथ को अपने वचनों के अनुसार निर्णय सुनाना पड़ा।

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भगवान राम को वनवास की बात कहते ही राजा दशरथ बेहोश होकर गिर जाते हैं और राम-राम के शब्दों के इलावा उनके मुख से कोई बात नहीं निकलती। इसका पता चलते ही सारी प्रजा में दुख की लहर दौड़ जाती है तथा भगवान राम पिता के वचन की मर्यादा रखते हुए उनके आदेश की पालना हेतु राजमहल की बजाए वनों में जाने को तैयार हो जाते हैं। परन्तु पिता की आज्ञा पाकर पुत्र राम वन के तैयार हो जाते हैं। इस बात का पता चलने पर माता सीता एवं भाई लक्ष्मण भी उनके साथ जाने को तैयार हो जाते हैं। श्री राम लीला में श्री राम वनवास का भावपूर्ण दृश्य देखकर उपस्थिति की भी अश्रुधारा निकल गई और हर कोई रानी कैकेई से अपना वचन बदलने की गुहार लगाने लगा। एक तरफ जहां भगवान राम वनवास के लिए प्रस्थान करते हैं तो दूसरी तरफ अपने सबसे प्रिय पुत्र भगवान राम के वियोग में राजा दशरथ प्राण त्यार देते हैं।

इस मौके पर प्रधान शिव सूद, गोपी चंद कपूर, प्रदीप हांडा, आर.पी. धीर, डा. बिन्दुसार शुक्ला, कृष्ण गोपाल आनंद, राकेश सूरी, राकेश डोगरा, अश्विनी गैंद, निपुण शर्मा, कमल वर्मा, अश्विनी शर्मा, नरोत्तम शर्मा, मनोहर लाल जैरथ, राजिंदर मोदगिल, मनोज दत्ता, कृष्ण गोपाल, पंडित मुकेश कालिया, शिव कुमार काकू, वरुण कैंथ, विपुल वालिया, दीपद शारदा, हैप्पी नैय्यर, तरसेम मोदगिल, भगत विजय, राज कुमार रामा, दीपक वालिया, शिव जैन, योगेश कुमरा, संजीव ऐरी, दीप वालिया, पिंकी सूद एवं कुनाल आदि सहित बड़ी संख्या में पहुंचे श्रीराम भक्तों ने श्री राम लीला का मंचन देखा और प्रभु की महिमा का गुणगान किया।

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