धान की पराली का खेतों में प्रबंधन कर कोटला गांव आदर्श गांव के तौर पर उभरा

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वालिया। धान की पराली को आग न लगाने के लिए पंजाब सरकार की ओर से बड़े स्तर पर किसानों को जागरु क किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार की हिदायतों पर जिला प्रशासन की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त करके गांव-गांव संदेश दिया जा रहा है कि धान की पराली को आग लगाना वातावरण व मानवीय स्वास्थ्य के लिए बहुत हानीकारक है। दिए जा रहे इस संदेश के कारण जिले का कोटला गांव एक आदर्श गांव बन कर उभरा है, क्योंकि इस गांव के प्रगतिशील किसानों ने धान की पराली को आग न लगा कर खेतों में ही प्रबंधन करने का फैसला किया है।

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अब तक 100 एकड़ जमीन में गेहूं की सीधी बिजाई कर ली गई है, जबकि गांव की बाकी जमीनों पर भी सीधी बिजाई की जा रही है। जिलाधीश ईशा कालिया ने प्रगतिशील किसानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि कोटला गांव की ओर से उठाया गया यह कदम वातावरण हित में है। उन्होंने कहा कि इस गांव को बाकी गांव भी रोल माडल बनाने व धान की पराली को आग न लगा कर वातावरण व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने को तरजीह दें। उन्होंने कहा कि पराली का खेतों में ही प्रबंधन करने के लिए आधुनिक खेती मशीनें किराए पर हासिल की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी कोटला गांव के किसानों की ओर से 200 एकड़ में हैप्पी सीडर तकनीकी की विधि अपना कर गेहूं की सीधी बिजाई की गई थी। उन्होंने कहा कि उक्त किसानों की ओर से खेती मशीनें किराए पर भी दी जा रही हैं।

कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर डा. मनिंदर सिंह बौंस ने बताया कि गुलाब सिंह, सौदागर सिंह, रविंदर सिंह, दलेर सिंह, नरिंदर सिंह, अर्पण सिंह व सिमरन सिंह के अलावा अन्य किसानों की ओर से भी जहां सुपर एस.एम.एस. कंबाइन से धान की कटाई की जा रही हैं, वहीं हैप्पी सीडर मशीन से गेहूं की सीधी बिजाई भी की जा रही है। गुलाब सिंह व सौदागर सिंह सहित कोटला गांव के प्रगतिशील किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष उनको गेहूं की सीधी बिजाई करने से काफी झाड़ प्राप्त हुआ था, जिसके कारण उन्होंने इस सीजन दौरान भी धान की पराली को आग न लगा कर गेहूं की सीधी बिजाई करने का मन बनाया है। उन्होंने बाकी किसानों को भी गेहूं की सीधी बिजाई करने की अपील की।

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