होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से स्थानीय आश्रम गौतम नगर में धार्मिक कार्यक्रम करवाया गया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रूक्मणि भारती जी ने अपने प्रवचनों में कहा अध्यात्म की डगर, एक ऐसी डगर है जिस पर गुरू के बिना चल पाना असंभव है। इस सफर का आरंभ भी गुरू से है और अंत भी। सृष्टि के आदिकाल से न इसमें कोई परिवर्तन हुआ है और न ही भविष्य में होने की कोई संभावना है। हमारे सभी धार्मिक शास्त्र भी इस एक ही बात को अलग-अलग भाषाओं में कहते हैं कि मानव जीवन का उदेश्य परमात्मा को प्राप्त करना है।
परमात्मा की प्राप्ति संत गुरू की शरण में जाने से होगी। आगे साध्वी जी ने कहा कि अगर देखा जाए, संासारिकता के रास्ते पर भी यही पाया गया है कि जब भी कोई व्यक्ति पूरी तरह से गढ़ा गया, तो वह गुरू के हाथों ही गढ़ा गया। जब-जब भी किसी का सफ ल निर्माण हुआ तो एक गुरू के सान्निध्य में हुआ। कोई भी मूर्ति,मुर्तिकार के बिना अपने अस्तित्व को नही पाती, कोई भी चित्र, चित्रकार के बिना सजीव नहीं होता कोई भी कविता, कवि के विना अर्थ नहीं पाती ठीक इसी तरह कोई भी शिष्य,चाहे आध्यात्मिक क्षेत्र हो या सांसारिक क्षेत्र का उसे उसके लक्ष्य, उसकी मंजिल तक पहुंचाती है केवल गुरू ।
अंत में साध्वी जी ने कहा कि पूर्ण सतगुरू भी अपने शिष्य को उस उचांई पर पहुंचाना चाहते हैं जिसकी शिष्य ने कभी कल्पना भी नहीं की होती। इसके लिए हमें पूरी निष्ठा के साथ उनकी आज्ञा को शिरोधार्य करना होगा।